कांग्रेस द्वारा साझा किए गए AI वीडियो पर पप्पू यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मां तो मां होती है…” राजनीति में नैतिकता की जरूरत पर जोर दिया और भाजपा पर भी निशाना साधा। जानिए पूरा विवाद।
पटनाः बिहार की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है। कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक AI-जनरेटेड वीडियो ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसी दिखने वाली दो आकृतियाँ दिखाई गईं, जिसमें एक दृश्य में ‘मां’ जैसा पात्र पीएम मोदी को डांटते हुए नसीहत देता दिख रहा है। वीडियो साझा होते ही सत्तापक्ष ने इसे प्रधानमंत्री का अपमान करार दिया, जबकि विपक्ष ने इसे सामाजिक संदेश बताकर सफाई दी। लेकिन इस पूरे विवाद में सबसे तीखा प्रतिक्रिया पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने दी है।
मां तो मां होती है…
पप्पू यादव ने इसे राजनीति की गिरती हुई परंपरा करार देते हुए कहा, “मां तो मां होती है… चाहे वह गरीब की हो, अमीर की हो, मुख्यमंत्री की हो या प्रधानमंत्री की। किसी की भी मां का अपमान राजनीति में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह का घटिया प्रयोग निंदनीय है। गाली देने की संस्कृति और ऐसी प्रवृत्ति भाजपा से ही सीखने को मिलती है। ऐसे संस्कार केवल भाजपा ही दे सकती है।”
ऐसे वीडियो से जाता है नकारात्मक संदेश
पप्पू यादव ने आगे कहा कि राजनीति में नैतिकता का स्थान होना चाहिए। उन्होंने चेताया कि इस तरह के वीडियो समाज में नकारात्मक संदेश देंगे और जनता का भरोसा राजनीति से उठ जाएगा। उन्होंने आगे कहा, “राजनीति में मुद्दों पर बहस होनी चाहिए, लेकिन किसी की निजी गरिमा को चोट पहुँचाकर वोट लेना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।"
गलत तरीके से वीडियो को किया जा रहा पेश- पवन खेड़ा
वहीं, कांग्रेस ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि वीडियो का उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना था। पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, “वीडियो को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इसमें अपमान जैसी कोई बात नहीं है। माता-पिता का कर्तव्य होता है कि वे अपने बच्चों को नसीहत दें। इसे मुद्दा बनाकर राजनीति करना प्रधानमंत्री की आदत है, हमें नहीं।”
भाजपा ने किया विरोध
भाजपा ने कांग्रेस की इस सफाई को खारिज करते हुए कड़ा विरोध जताया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने सारी हदें पार कर दी हैं और “गांधीवादी नहीं, गालीवादी राजनीति” कर रही है। उन्होंने इसे शर्मनाक करार देते हुए चुनाव आयोग तक मामला ले जाने की चेतावनी दी है।
इस विवाद के बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चुनाव से पहले भावनाओं का सहारा लेकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। पप्पू यादव का बयान इस पूरे घटनाक्रम में गरमाई बहस का केंद्र बन गया है।
