बिहार चुनाव के लिए 29 अक्टूबर को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पहली बार एक साथ मंच साझा करेंगे। महागठबंधन की यह पहली संयुक्त जनसभा मुजफ्फरपुर और दरभंगा में होगी। इस रैली का उद्देश्य रोजगार और किसान जैसे मुद्दों को उठाकर चुनाव प्रचार को गति देना है।

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के समापन के बाद अब बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने वाली है। 29 अक्टूबर को बिहार की राजनीति में एक बड़ा दिन होने जा रहा है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव चुनाव की घोषणा के बाद पहली बार एक साथ चुनावी मंच साझा करेंगे। महागठबंधन की यह पहली संयुक्त जनसभा मुजफ्फरपुर जिले के सकरा (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र और दरभंगा में आयोजित की जाएगी।

महागठबंधन का चुनावी शंखनाद

बिहार कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौर ने जानकारी दी कि राहुल गांधी का यह दौरा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली औपचारिक एंट्री है। राहुल गांधी सकरा में महागठबंधन प्रत्याशी उमेश राम के पक्ष में पहली जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे दरभंगा में राजद समर्थित उम्मीदवार की जनसभा में शामिल होंगे। इस रैली को महागठबंधन के लिए चुनावी शंखनाद माना जा रहा है, जो आने वाले चरणों में प्रचार को नई दिशा दे सकता है।

16 दिनों की पदयात्रा के बाद अब जनसभा से शुरुआत

राहुल गांधी इससे पहले बिहार में 16 दिनों तक 1300 किलोमीटर लंबी यात्रा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने राज्य के कई जिलों का दौरा किया, आम लोगों से मुलाकात की और बेरोजगारी, शिक्षा, महंगाई जैसे मुद्दों पर बातचीत की। अब वही राहुल गांधी, जो “भारत जोड़ो यात्रा” और “संविधान बचाओ अभियान” जैसे अभियानों से सुर्खियों में रहे, बिहार चुनाव में सीधा जनसंपर्क और सभा के ज़रिए जनता से जुड़ेंगे।

राहुल-तेजस्वी की साझा रैली पर सबकी नज़र

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की साझा जनसभा को लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। कांग्रेस और राजद दोनों के शीर्ष नेता एक मंच पर होंगे, जिससे महागठबंधन के कार्यकर्ताओं को चुनावी ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, इस रैली में दोनों नेता “रोज़गार, किसान और सामाजिक न्याय” जैसे प्रमुख मुद्दों को उठाएंगे। राहुल गांधी जहां बेरोज़गारी और महंगाई पर केंद्रित भाषण देंगे, वहीं तेजस्वी यादव युवाओं और किसानों से सीधा संवाद करने की तैयारी में हैं।

अबकी बार बिहार बोलेगा, बदलाव चाहिए

कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौर ने कहा, “राहुल गांधी का यह दौरा सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि जनता से वादा निभाने की शुरुआत है। वे बिहार के हर उस वर्ग की आवाज़ उठाएंगे जिसे मौजूदा सरकार ने नज़रअंदाज़ किया है।”

महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि छठ पूजा के बाद शुरू हो रहा यह प्रचार अभियान चुनावी हवा को अपनी दिशा में मोड़ सकता है। राहुल गांधी की उपस्थिति से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नया उत्साह है, जबकि तेजस्वी यादव की लोकप्रियता महागठबंधन को मैदान में धार देने का काम करेगी।

सकरा और दरभंगा से होगा चुनावी रण का आगाज़

राहुल गांधी की यह सभा न सिर्फ कांग्रेस के लिए, बल्कि पूरे महागठबंधन के लिए ‘पावर शो’ के रूप में देखी जा रही है। सकरा और दरभंगा, दोनों ही इलाके मिथिलांचल और तिरहुत क्षेत्र की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में राहुल और तेजस्वी की जोड़ी का वहां से प्रचार शुरू करना एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

छठ के बाद बदलाव की लहर

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि छठ पूजा के बाद बिहार की जनता का मूड तय करेगा कि चुनाव किस ओर जाएगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यह रैली उस लहर को दिशा देने की कोशिश मानी जा रही है। कांग्रेस और राजद दोनों को भरोसा है कि यह साझा मंच युवा और गरीब तबके के बीच नया भरोसा पैदा करेगा।