रजौली विधानसभा चुनाव 2025: रजौली विधानसभा सीट नवादा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट ने एक बार फिर चौंकाने वाला परिणाम दिया है। 2025 में यहाँ से लोजपा (रामविलास) पार्टी के विमल राजबंसी ने जीत हासिल की।

Rajauli Assembly Election 2025: रजौली विधानसभा सीट (Rajauli Vidhan Sabha Seat), नवादा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट पर एक बार फिर चौकाने वाला परिणाम सामने आया है। यहां से 2025 में LJP (Ram Vilas) की पार्टी से विमल राजबंसी ने जीत हासिल की है।

2020: प्रकाश वीर की दमदार जीत

2020 में आरजेडी प्रत्याशी प्रकाश वीर (Prakash Veer) ने बीजेपी के कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की।

  • प्रकाश वीर (RJD)- 69,984 वोट
  • कन्हैया कुमार (BJP)- 57,391 वोट
  • जीत का अंतर- 15,593 वोट

नोट: इस चुनाव में अन्य उम्मीदवार भी मैदान में थे लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से आरजेडी और बीजेपी के बीच ही रहा।

2015: आरजेडी का पहला कब्जा

2015 में भी प्रकाश वीर (RJD) ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन राम को 4,615 वोटों के छोटे अंतर से हराया।

  • प्रकाश वीर (RJD) - 70,549 वोट
  • अर्जुन राम (BJP) - 65,934 वोट

नोट: यह जीत आरजेडी की मजबूती की शुरुआत थी।

2010: बीजेपी का दबदबा

2010 का चुनाव बीजेपी के नाम रहा। उस वक्त कन्हैया कुमार (BJP) ने प्रकाश वीर (RJD) को बड़े अंतर से हराया।

  • कन्हैया कुमार (BJP)- 51,020 वोट
  • प्रकाश वीर (RJD)- 36,930 वोट

नोट: यह दौर नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन की मजबूत पकड़ का था।

जातीय समीकरण और सियासी बैकग्राउंड

रजौली विधानसभा में दलित, पिछड़ा वर्ग और महादलित वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। साथ ही यादव और सवर्ण समुदाय भी यहां की राजनीति को प्रभावित करते हैं। यही वजह है कि आरजेडी और बीजेपी दोनों अपने-अपने जातीय समीकरण साधने में जुटते हैं।

प्रत्याशियों की प्रोफाइल

  • 1. प्रकाश वीर (RJD): दो बार से विधायक, शिक्षा में 12वीं पास हैं, क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत पकड़। करीब 6 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। दो मुकदमे चल रहे हैं। 14.49 लाख रुपए की देनदारी बकाया है।
  • 2. कन्हैया कुमार (BJP): पूर्व विधायक, संगठन से जुड़े और जातीय समीकरण में सक्रिय।
  • 3. अन्य दल: एलजेपी, जाप और आरएलएसपी के उम्मीदवार समय-समय पर किस्मत आजमाते रहे हैं।

नोट: अब तक इनके खिलाफ बड़े आपराधिक मामले दर्ज नहीं हुए, लेकिन संपत्ति और प्रभाव क्षेत्र में बढ़ते रहे हैं।