बिहार चुनाव 2025 के दूसरे चरण में महागठबंधन में दरार दिख रही है। 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा। RJD और कांग्रेस समेत सहयोगी दल 6 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, जिसे 'गृहयुद्ध' कहा जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Chunav 2025) का दूसरा चरण अब सियासी तापमान को चरम पर ले आया है। 11 नवंबर (मंगलवार) को होने वाले मतदान में जहां 20 जिलों की 122 सीटों पर जनता अपने जनप्रतिनिधि चुनने जाएगी, वहीं विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर की खींचतान और आपसी टकराव इस चुनावी चरण को बेहद दिलचस्प बना रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि महागठबंधन की दो प्रमुख पार्टियां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी कम से कम छह सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ सीधे मुकाबले में हैं, जिसे 'फ्रेंडली फाइट' के बजाय 'गृहयुद्ध' माना जा रहा है।
विवादित 6 सीटें
दूसरे चरण में छह सीटें ऐसी हैं जहां महागठबंधन के सहयोगी दलों के उम्मीदवार आपस में ही आमने-सामने हैं। ये जंग न सिर्फ इन दलों के केंद्रीय नेतृत्व के लिए बल्कि पूरे राज्य की राजनीति के लिए अहम संकेत देने वाली है।
- करगहर- CPI के महेंद्र प्रसाद गुप्ता vs कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्रा
- नरकटियागंज - RJD के दीपक यादव vs कांग्रेस के शाश्वत केदार
- सिकंदरा - कांग्रेस के विनोद चौधरी vs RJD के उदय नारायण चौधरी
- कहलगांव - RJD के रजनीश भारती vs कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा
- सुल्तानगंज - RJD के चंदन सिन्हा vs कांग्रेस के ललन कुमार
- चैनपुर - VIP के गोविंद बिंद vs RJD के बृज किशोर बिंद
आपसी टकराव की मुख्य वजहें
महागठबंधन में यह टकराव मुख्य रूप से सीट बंटवारे की खींचतान को उजागर करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन 'दोस्ताना' लड़ाइयों के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं. जैसे कि चुनाव से ठीक पहले हुए गठबंधन में सीटों के अंतिम निर्धारण को लेकर शीर्ष नेतृत्व और ज़मीनी कार्यकर्ताओं के बीच सही समन्वय का अभाव रहा। वहीं कुछ सीटों पर, स्थानीय नेताओं ने परंपरागत रूप से अपनी दावेदारी मजबूत रखी थी, और गठबंधन के बावजूद नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया।
सिकंदरा सीट पर कांग्रेस और RJD के दिग्गज नेता उदय नारायण चौधरी के बीच की जंग पार्टी नेतृत्व की अंदरूनी असहमति को उजागर कर रही है। वहीं, कैमूर की चैनपुर सीट पर VIP और RJD का आमना-सामना OBC समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। VIP निषाद समुदाय के वोटों पर भरोसा कर रही है, जबकि RJD अपना दावा मजबूत करना चाहती है।
इन 20 जिलों में चुनाव
दूसरे चरण में बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कैमूर और रोहतास की 122 सीटों पर वोटिंग होगी। इस चरण में लगभग 3.7 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाता हैं जो अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
पहले चरण में रिकॉर्ड 65.01 फीसदी मतदान हुआ था। अब देखना यह है कि महागठबंधन के भीतर की यह खींचतान किसे फायदा पहुंचाती है। क्या एनडीए इस बिखराव का लाभ उठा पाएगी, या इन सीटों पर होने वाला नुकसान दोनों सहयोगियों को ही भुगतना पड़ेगा। चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
