बिहार चुनाव 2025 से पहले पटना में आरजेडी नेता राजकुमार राय की दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधियों ने छह गोलियां बरसाकर उनकी जान ले ली। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है ।

पटनाः बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर अपराध की बड़ी घटना से दहल उठी है। विधानसभा चुनाव की तेज़ होती राजनीतिक गर्मी और सत्ती संघर्ष के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता राजकुमार उर्फ आला राय की बुधवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधियों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर छह गोलियां मारी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। यह वारदात पटना के चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र के कॉलेज ऑफ कॉमर्स के पास घटी।

साजिश के शिकार बने आरजेडी नेता?

सूत्रों के मुताबिक, राजकुमार राय राघोपुर विधानसभा सीट से आगामी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और इन दिनों अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा चुके थे। वे जमीन के कारोबारी भी थे, जिस वजह से क्षेत्र में उनकी पहचान दोहरी थी। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि बुधवार रात वे अपने चारपहिया वाहन से लौट रहे थे। इसी दौरान घर के पास एक गली में वे होटल से खाना लेने रुके। उसी वक्त घात लगाए बैठे बाइक सवार दो अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।

अस्पताल पहुंचने से पहले मौत

हमले के बाद आस-पास मौजूद लोगों ने फौरन ड्राइवर की मदद से राजकुमार राय को पीएमसीएच अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। घटनास्थल पर पुलिस को छह गोलियों के खोखे भी मिले हैं। इलाके में तनाव का माहौल है तथा स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन से अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस जांच में जुटी, क्षेत्र में सनसनी

घटना की जानकारी मिलते ही चित्रगुप्त नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस विभिन्न कोण से मामले की पड़ताल कर रही है। सिटी एसपी (पूर्वी) परिचय कुमार ने बताया कि अपराधियों की पहचान के लिए इलाके के सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है और विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी भी शुरू हो चुकी है।

राजनीति में हलचल, आरजेडी नेताओं का गुस्सा

हत्या की सूचना मिलते ही आरजेडी खेमे में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। पार्टी नेताओं ने प्रशासन और सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो सड़क पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने भी घटना को कानून-व्यवस्था की विफलता बताते हुए प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। चुनावी माहौल में यह मर्डर न सिर्फ राजनीतिक अपराध के तौर पर देखा जा रहा है, बल्कि सत्ता-माफिया गठजोड़ के भी गंभीर संकेत देता है।

शहर में पुलिस सतर्क, डर का माहौल

पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बन सके। वारदात के बाद आसपास के इलाकों में खौफ का माहौल है। लोग इस बात से डरे हुए हैं कि जब राजनीति से जुड़े व्यस्त और चर्चित नेता सुरक्षित नहीं, तो आम जनता का क्या होगा? फिलहाल, पुलिस अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए दिन-रात प्रयासरत है, लेकिन हत्या के कारणों पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।