नेपाल के जलेश्वर जेल में 577 में से 576 कैदी फरार हो गए, जिससे महोत्तरी जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया। भारतीय सीमा पर भी अलर्ट बढ़ा दिया गया है, जहाँ एसएसबी ने 10 कैदियों को पकड़ा। नेपाल में राजनीतिक संकट और भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं।

पटनाः पड़ोसी देश नेपाल में हाल ही में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच जलेश्वर जेल में एक बड़ा जेल ब्रेक कांड हुआ है। मंगलवार रात हुए इस कांड में जेल के 577 कैदियों में से 576 फरार हो गए। इस घटना ने पूरे महोत्तरी जिले को दहशत में डाल दिया और वहां कर्फ्यू लगा दिया गया। सीमा क्षेत्र सहित जलेश्वर नगर में सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नियंत्रण में बताई जा रही है।

नेपाल के इस जेल ब्रेक के बाद फरार कैदियों में से दस को मंगलवार की देर रात भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करते हुए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने पकड़ लिया। पकड़े गए इन कैदियों में आठ नेपाली और दो भारतीय नागरिक शामिल हैं। सभी को भिठ्ठा और सुरसंड थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

पकड़े गए कैदियों का परिचय

भिठ्ठा थानाध्यक्ष के अनुसार पकड़े गए कैदियों में नेपाल के धनुषा जिला के मुखियापट्टी मुसहरनिया निवासी रामगुलाम महतो, औरही थाना क्षेत्र के हसनपुर नगरपालिक निवासी विनोद राय, महोत्तरी के धिरापुर गांव निवासी मोजाहिद अंसारी, लोहरपट्टी थाना क्षेत्र के खुट्टा पिपराढ़ी निवासी सुरेंद्र साह सोनार, धनुषा के कुर्था गांव निवासी इंद्रेश मंडल तथा यदुकाहा निवासी कृष्ण कुमार महतो शामिल हैं। इसके अलावा बिहार के वैशाली जिला हाजीपुर निवासी मोहन कुमार भी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं सुरसंड थानाध्यक्ष धनंजय कुमार पांडे ने बताया कि मोतिहारी के परसौनी खेम निवासी गुड्डू कुमार, जलेश्वर वार्ड-1 के रियाज दफाली और नेपाल के हेठौढ़ा वार्ड-3 के राजेश तमांग भी हिरासत में हैं।

नेपाल में उग्र हंगामा और राजनीतिक संकट

नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ विरोध की चिंगारी से देश सुलग रहा है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट समेत अनेक सरकारी इमारतों को आग के हवाले किया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निजी आवास से लेकर कई मंत्रियों और नेताओं के घरों व कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई। भारी विरोध और आक्रोश के चलते प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया।

सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद भी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पिछले दिनों हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत के लिये जिम्मेदारी की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के घरों पर भी धावा बोला।

भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी सुरक्षा, बिहार में भी हाई अलर्ट

नेपाल में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन और जेल ब्रेक की घटना के बाद बिहार के सीमावर्ती जिलों सहित पूरे भारत-नेपाल सीमाई इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीमाई इलाक़ों में गस्ति तेज कर दी गई है और लोग सतर्क रहने की सलाह दी गई है ताकि कोई और कैदी सीमा पार न कर सके। सीमा सुरक्षा बल और पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र में व्यापक छानबीन शुरू कर दी है और संदेहास्पद गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। भारतीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर नेपाल से जुड़े इस हालात की कड़ी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।