2025 के साहिबगंज विधानसभा चुनाव में जनता ने एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया। मतदाताओं ने राजू कुमार सिंह को विजयी बनाकर अपना समर्थन दिया। इस जीत से साहिबगंज सीट पर भाजपा की स्थिति मज़बूत हुई और पार्टी ने क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखी।
Sahebganj Assembly Election 2025: साहेबगंज विधानसभा सीट (Sahebganj Assembly Seat) पर एक बार फिर बीजेपी पर जनता ने अपना भरोसा जताया है। चुनावी जंग मे बीजेपी से राजू कुमार सिंह चुने गए नेता।
सीट का सामाजिक और जातीय प्रोफाइल
2011 की जनगणना के मुताबिक साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र की आबादी 4,54,897 है। इसमें से 94.89% ग्रामीण और सिर्फ 5.11% शहरी है। अनुसूचित जाति 13.87% और अनुसूचित जनजाति 0.3% है।
- कुल मतदाता (2019) : 2,95,016
- मतदान केंद्र : 303
- यहां कुशवाहा, यादव, ब्राह्मण और दलित वोटर अहम भूमिका निभाते हैं।
2010: जेडीयू से राजू सिंह की जीत
2010 में जेडीयू प्रत्याशी राजू कुमार सिंह ने राजद के रामविचार राय को करीब 5,000 वोटों से हराया।
- राजू सिंह (जेडीयू): 46,606 वोट (38.52%)
- रामविचार राय (राजद): 41,690 वोट (34.46%)
नोट: यहां जातीय समीकरण और मजबूत बूथ मैनेजमेंट ने जेडीयू को बढ़त दिलाई।
2015: राजद का कब्ज़ा
2015 में माहौल पूरी तरह पलट गया।
- रामविचार राय (राजद): 70,583 वोट (43.65%)
- राजू सिंह (बीजेपी): 59,923 वोट (37.06%)
नोट: इस बार महागठबंधन ने वोटों का ध्रुवीकरण कर राजद को स्पष्ट बढ़त दिला दी।
2020: VIP टिकट पर राजू सिंह की वापसी
2020 में राजू सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से चुनाव लड़कर कमाल कर दिया।
- राजू सिंह (VIP): 81,203 वोट (44.3%)
- रामविचार राय (राजद): 65,870 वोट (35.9%)
- जीत का अंतर: 15,333 वोट
नोट: इस जीत ने साबित किया कि राजू सिंह की व्यक्तिगत पकड़ आज भी वोटरों पर भारी है। बाद में वह बीजेपी में वापस लौट आए।
प्रत्याशियों की छवि और समीकरण
- राजू कुमार सिंह: मजबूत जातीय पकड़, कई बार पार्टी बदलकर भी जीत हासिल की।
- रामविचार राय (RJD): यादव-मुस्लिम समीकरण पर मजबूत पकड़।
- आगामी चुनाव में BJP का संगठन, बूथ मैनेजमेंट और जातीय संतुलन अहम रहेंगे।
क्या 2025 में फिर होगा उलटफेर?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है-क्या BJP के टिकट पर राजू सिंह फिर जीत पाएंगे? या RJD का यादव-मुस्लिम वोट बैंक इस बार बाज़ी मार लेगा? साहेबगंज की राजनीति हमेशा सस्पेंस और चौंकाने वाले नतीजों की गवाह रही है, और 2025 का चुनाव भी अलग नहीं होगा।
