भाजपा के राकेश रंजन ने 2025 के शाहपुर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। बिहार की सबसे चर्चित और विवादास्पद सीटों में से एक पर उन्हें 88,655 वोट मिले। मतदाताओं ने उनका समर्थन किया और शाहपुर में भाजपा का गढ़ बरकरार रखा।
Shahpur Assembly Election 2025: भाजपा की तरफ शाहपुर विधानसभा सीट पर राकेश रंजन जीत घोषित किया है। यह बिहार की सबसे हॉट और रहस्यमयी सीटों में गिनी जा रही है। 88655 वोट के साथ जीती बीजेपी से राकेश रंजन जीते।
शाहपुर विधानसभा का चुनावी इतिहास
- 2010 चुनाव (Shahpur Election 2010): भाजपा की मुन्नी देवी ने राजद प्रत्याशी धर्मपाल सिंह को 8,211 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया। उन्हें 44,795 वोट मिले।
- 2015 चुनाव (Shahpur Election 2015): राजद के राहुल तिवारी ने भाजपा के विश्वेश्वर ओझा को 14,570 वोटों से मात दी। राहुल तिवारी को 69,315 वोट हासिल हुए।
- 2020 चुनाव (Shahpur Election 2020): राजद के राहुल तिवारी ने निर्दलीय शोभा देवी को 22,883 वोटों के अंतर से हराया। इस चुनाव में राहुल तिवारी को 64,393 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार मुन्नी देवी को केवल 21,355 वोट मिले।
शाहपुर विधानसभा सीट के प्रत्याशी प्रोफाइल और समीकरण
- राहुल तिवारी (RJD): शिक्षा और जमीनी पकड़ के चलते लोकप्रिय। पिछली जीत के बाद विकास कार्यों का हवाला देकर फिर मैदान में उतर सकते हैं।
- मुन्नी देवी (BJP): 2010 की विजेता, लेकिन 2020 में तीसरे स्थान पर रहीं। भाजपा उन्हें या किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है।
- निर्दलीय प्रभाव: शोभा देवी जैसे उम्मीदवार जातीय आधार पर समीकरण बिगाड़ते रहे हैं।
जातीय समीकरण: यादव, कुर्मी, भूमिहार और दलित समुदाय यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं। 2020 में राजद ने यादव-मुस्लिम गठजोड़ के सहारे मजबूत जीत दर्ज की।
बूथ मैनेजमेंट और चुनावी मुद्दे
बूथ मैनेजमेंट: राजद की मजबूती जमीनी नेटवर्क और सक्रिय कार्यकर्ताओं में है। भाजपा बूथ स्तर पर मजबूती लाने की कोशिश में है।
शाहपुर विधानसभा चुनाव 2025 के मुख्य मुद्दे
- 1. सड़क, बिजली और पानी की समस्या
- 2. किसानों की आय और फसल संकट
- 3. बेरोजगारी और पलायन
- 4. स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की बदहाली
शाहपुर विधानसभा सीट पर 2025 में क्या होगा?
राजद के लिए यह सीट पकड़ बनाए रखने की चुनौती होगी, जबकि भाजपा और जदयू गठबंधन सीट को कब्जाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस और क्षेत्रीय दल नए समीकरण तैयार करने की कोशिश में हैं। स्वतंत्र प्रत्याशी भी कड़ा मुकाबला देंगे।
