2025 के सुल्तानगंज विधानसभा चुनाव में, भागलपुर ज़िले की इस महत्वपूर्ण सीट के मतदाताओं ने जदयू में अपना विश्वास जताया। ललिल नारायण मंडल विजयी हुए और उन्हें अपना नेता चुना।
Sultanganj Assembly Election 2025: सुल्तानगंज विधानसभा बिहार के भागलपुर जिले में स्थित है, राजनीतिक रूप से यह सीट हमेशा से रोचक रही है, जहां कांग्रेस, जनता दल और जदयू का दबदबा अलग-अलग दौर में देखने को मिला है। साल 2025 में जनता ने अपना भरोसा जेडीयू पर जताया है और ललिल नारायण मंडल को अपना नेता चुना है।
कांग्रेस की वापसी का लंबा इंतजार
सुल्तानगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा 1985 से पहले तक था। लेकिन उसके बाद से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा। 1990 से 2005 तक जनता दल और समता पार्टी के उम्मीदवार जीतते रहे, जबकि 2010 से लेकर 2020 तक जदयू ने अपना मजबूत पकड़ बनाए रखा। कांग्रेस अब भी वापसी का इंतजार कर रही है।
2010 का चुनाव: जदयू की वापसी
2010 के चुनाव में जदयू के सुबोध राय ने आरजेडी के राम अवतार मंडल को हराया। सुबोध राय को 34,652 वोट मिले, जबकि राम अवतार मंडल को 29,807 वोट मिले। करीब 4,800 वोटों के अंतर से जदयू की जीत हुई और इस सीट पर उनकी पकड़ मजबूत हुई।
2015 का चुनाव: सुबोध राय की दूसरी जीत
2015 में फिर से जदयू के सुबोध राय ने जीत दर्ज की। उन्होंने बीएलएसपी के हिमांशु प्रसाद को हराया। सुबोध राय को 63,345 वोट मिले जबकि हिमांशु प्रसाद को 49,312 वोट। इस बार 14,000 से अधिक वोटों का अंतर रहा और जदयू ने लगातार दूसरी बार जीत पक्की की।
2020 का चुनाव: ललित नारायण मंडल का उदय
2020 के चुनाव में जदयू ने ललित नारायण मंडल को प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कांग्रेस के ललन कुमार को हराकर जीत दर्ज की। ललित नारायण मंडल को 72,823 वोट मिले जबकि ललन कुमार को 61,258 वोट। इस तरह 10,000 से अधिक वोटों के अंतर से जदयू की जीत हुई। वहीं, लोजपा की नीलम देवी तीसरे स्थान पर रहीं और उन्हें 10,222 वोट मिले।
एयरपोर्ट बना नया चुनावी मुद्दा
सुल्तानगंज को भागलपुर एयरपोर्ट की सौगात मिली है। यह मुद्दा आगामी सुल्तानगंज विधानसभा चुनाव 2025 में बड़ा फैक्टर बन सकता है। एनडीए इस उपलब्धि को अपने वोटरों के बीच भुनाने की कोशिश करेगी, जबकि महागठबंधन इस सीट पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रहा है।
