बिहार चुनाव 2025 में लालू परिवार का सियासी विवाद बढ़ गया है। तेजप्रताप यादव ने भाई तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राघोपुर में उन्होंने खुद को कृष्ण बताते हुए तेजस्वी पर हमला किया और इसे धर्म की लड़ाई बताया।
बिहार की राजनीति में लालू परिवार की सियासी कहानी अब महाभारत का रूप ले चुकी है। राघोपुर की धरती पर मंगलवार को जो दृश्य देखने को मिला, उसने बिहार की राजनीति में नए अध्याय की नींव रख दी। मंच पर थे तेजप्रताप यादव और ज़ुबान पर गीता के श्लोक। उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर ऐसा प्रहार किया, जिसने राजद परिवार के भीतर धर्म और अधर्म की लकीर खींच दी।
तेजप्रताप का राजनीतिक युद्धघोष
पिछले दो दिनों से राघोपुर के आसमान में तेजप्रताप यादव का हेलीकॉप्टर लगातार मंडरा रहा है। लोग कहते हैं, “लगता है अर्जुन का रथ उतर आया है।” जब तेजप्रताप मंच पर पहुंचे तो नारे गूंज उठे, “जय श्रीकृष्णा! लालू यादव जिंदाबाद!”
तेजप्रताप बोले, “ये तेलपीलावन लाठी है, असली यादव की लाठी, अब यह लाठी धर्म की रक्षा के लिए चलेगी।” उनका अंदाज़ पूरी तरह योद्धा जैसा था। भीड़ जोश में थी, माहौल किसी रणभूमि जैसा। तेजप्रताप ने सीधा कहा, “तेजस्वी को महुआ नहीं जाना चाहिए था। वो एक बार गया, तो हम राघोपुर में दो-दो बार आएंगे।”
गीता का श्लोक और कृष्ण का आह्वान
तेजप्रताप ने अपने भाषण में धर्म और राजनीति का अनोखा संगम कर दिया। उन्होंने भगवद गीता का श्लोक पढ़ते हुए कहा, “धर्म की स्थापना करनी है, क्योंकि धर्म अब गलत लोगों के बीच चला गया है।” इसके बाद भीड़ की तरफ इशारा करते हुए बोले, “राघोपुर में कृष्ण ने अवतार लिया है। जो कृष्ण का साथ नहीं देगा, वह गड्ढे में गिरेगा।” उनके समर्थकों ने “जय श्रीकृष्णा” के नारे लगाए, और पूरा माहौल धार्मिक जोश से भर गया। स्पष्ट था कि तेजप्रताप यादव अब खुद को राजनीति के कृष्णभक्त योद्धा के रूप में पेश कर रहे हैं, जो अपने ‘धर्म’ यानी असली लालूवाद की रक्षा के लिए मैदान में उतरे हैं।
तेजस्वी अभी बच्चा है, चुनाव बाद झुनझुना देंगे- तेजप्रताप का तीखा तंज
महुआ जाने से पहले पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा था, “तेजस्वी अभी बच्चा है, चुनाव के बाद उसे झुनझुना पकड़ाएंगे।” तेजप्रताप ने यह भी जोड़ा कि वो हमारे इलाके में गए, तो हम उनके इलाके में आएंगे।
