तेजस्वी यादव ने बिहार के मंत्री जीवेश मिश्रा पर पत्रकार पर हमले का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कार्रवाई की अपील की है। जानिए पूरी घटना और राजनीतिक असर।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के शहरी विकास एवं नगर निकाय मंत्री जीवेश मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें तुरंत बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग की है। तेजस्वी यादव ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि दरभंगा में क्षेत्र की जर्जर सड़क को लेकर सवाल उठाने वाले पत्रकार पर मंत्री ने जानलेवा हमला किया और अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया।
वीडियो में तेजस्वी यादव ने कहा कि “अतिपिछड़ा समाज से आने वाले एक निष्पक्ष पत्रकार ने क्षेत्र की बदहाल सड़क को लेकर सवाल पूछे थे। सवाल पूछना लोकतंत्र में अपराध नहीं, बल्कि जनता की आवाज है। लेकिन मंत्री जीवेश मिश्रा ने रात के अंधेरे में उस पत्रकार को बेरहमी से पीटा और उसकी माँ-बहन की गालियाँ दीं। यह घटना न केवल अमानवीय है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
कानूनी कार्रवाई करने की मांग
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि ऐसे मंत्री को तत्काल पद से हटाकर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी, क्या आप ऐसे मंत्री को बचाएँगे? क्या दिल्ली में बैठकर टीवी डिबेट में शामिल होने वाले पत्रकार इस पर चर्चा करेंगे? क्या आपकी अंतरात्मा जागेगी?”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मंत्री पहले भी भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त रहे हैं। नकली दवाइयाँ बेचकर आम लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले मंत्री पर पहले भी सजा हो चुकी है, लेकिन बावजूद इसके उन्हें सरकार में जगह दी गई है। उन्होंने कहा कि यह मंत्री न केवल भ्रष्टाचार में शामिल हैं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में लोकतंत्र की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं।
सीएम नीतीश का स्थिति पर नियंत्रण नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानसिक रूप से अस्वस्थ होकर सत्ता में बैठे हैं और स्थिति पर नियंत्रण नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी जी को आगे आकर कार्रवाई करनी चाहिए।” उन्होंने बिहार की जनता से भी अपील की कि वे सचेत रहें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएँ।
तेजस्वी यादव ने अपने वीडियो में यह भी कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर सरकार का दायित्व है। पत्रकार समाज का चौथा स्तंभ है और यदि सवाल पूछने पर पत्रकारों पर हमला होगा तो लोकतंत्र की जड़ें कमजोर पड़ जाएंगी। उन्होंने सरकार से माँग की कि पत्रकारों को डराने-धमकाने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए।
जो जनता की आवाज से डरती है उसे सत्ता में रहने का अधिकार नहीं
इसके साथ ही तेजस्वी ने इस मुद्दे को चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि “जो सरकार जनता की आवाज सुनने से डरती है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे मामलों को दबाया जा सकता है, लेकिन जनता की ताकत ही सच्चाई को उजागर करेगी। तेजस्वी यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है, जबकि सत्ताधारी दल ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।
