2025 के वाल्मीकिनगर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सुरेंद्र प्रसाद ने कड़ी टक्कर के बावजूद जीत हासिल की। कड़े मुकाबले के बावजूद मतदाताओं ने उनका समर्थन किया।
Valmikinagar Assembly Election 2025: वाल्मीकिनगर विधानसभा (Valmikinagar Vidhan Sabha) बिहार की राजनीति में हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। इस सीट पर कांग्रेस के सुरेंद्र प्रसाद ने जीत हासिल की है। मिले 107730 वोट।
वाल्मीकिनगर चुनावी इतिहास (2010, 2015 और 2020 के परिणाम)
- 2010 चुनाव: जदयू के राजेश सिंह ने राजद उम्मीदवार को हराया। उन्हें 42,272 वोट मिले, जबकि राजद के मुकेश कुमार कुशवाहा को 27,606 वोट।
- 2015 चुनाव: निर्दलीय उम्मीदवार धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने चौंकाते हुए जीत दर्ज की। उन्हें 66,860 वोट मिले। कांग्रेस के इरशाद हुसैन को सिर्फ 33,280 वोट मिले।
- 2020 चुनाव: रिंकू सिंह ने इस बार जदयू (JD(U)) से मैदान में उतरकर 74,906 वोटों के साथ जीत दर्ज की। कांग्रेस के राजेश सिंह को 53,321 वोट मिले।
जातीय समीकरण और वोटर डेटा
वाल्मीकिनगर विस क्षेत्र में 3,45,890 मतदाता हैं, जिसमें 1,83,951 पुरुष, 1,61,918 महिलाएं और 21 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं। यहां के 358 मतदान केंद्र पूरी तरह ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। थारू समाज यहां सबसे प्रभावशाली वोटर समूह है। यही कारण है कि हर प्रत्याशी उनकी नाराज़गी या समर्थन को लेकर रणनीति बनाता है।
नोट: जेडीयू विधायक रिंकू सिंह स्नातक तक पढ़े लिखे हैं। उन पर 4.21 करोड़ की चल अचल संपत्ति है। उन पर दो केस और 27.90 लाख का कर्जा भी है।
स्थानीय मुद्दे और चुनावी चुनौती
यह इलाका गंडक नदी और बाढ़ की समस्या के लिए बदनाम है। लोग अक्सर बरसात में बांधों पर शरण लेने को मजबूर होते हैं। शिक्षा के मामले में भी हालात कमजोर हैं, क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए युवाओं को उत्तर प्रदेश जाना पड़ता है। लंबे समय से यहां विश्वविद्यालय और बड़े कॉलेज की मांग उठ रही है। आजीविका का मुख्य साधन खेती है, लेकिन बाढ़ और कर्ज़ की समस्या किसानों को संकट में डाल देती है।
सत्ता का रहस्य और 2025 की चुनौती
अब सवाल यह है कि 2025 में कौन प्रत्याशी थारू समाज और बाढ़ पीड़ित वोटरों का भरोसा जीत पाएगा। क्या रिंकू सिंह लगातार तीसरी बार जीतकर रिकॉर्ड बनाएंगे, या कांग्रेस और अन्य दल यहां वापसी करेंगे?
