सार

छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में भरी के गर्मी के दिनों में अचानक हुई बारिश के बाद एक परिवार के साथ ऐसा वाकया गुजरा की वह घंटों तक डरा सहमा बंधक बना रहा। सांस अटका देने वाले मामले में जब रेस्क्यू मिशन पूरा किया गया उसके बाद परिवार ने ली राहत की सांस।

कोरबा (korba). छत्तीसगढ़ में अचानक से मौसम बदलने से पूरा माहौल बदल गया हैं जहां इस वक्त तपती धूप हुआ करती हैं वहीं अचानक बारिश होने से कोहरे के साथ ठंड लगने लगी हैं। इस बेमौसम हुई बारिश के बीच एक परिवार के साथ ऐसा सनसनीखेज घटना घटी की वहपरिवार कई घंटो तक बंधक बन कर एक कमरे में बैठा रहा। इसके बाद जब रेस्क्यू टीम ने आकर सांप को पकड़ा तब जाकर परिवार के लोगों की जान में जान आई।

छज्जे पर बैठ परिवार ने बचाई अपनी जान

दरअसल कोरबा के दादर खुर्द का जहां ज़मीन में रेंगने वाली खतरनाक मौत का सौदागर अचानक से एक छोटे से कमरे में घुस गया। ये सौदागर और कोई नहीं बल्कि कोबरा सांप है। जब परिवार की महिला खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं तभी अचानक से कोबरा पर नज़र पड़ी तो परिवार की जान अटक गई और डरे सहमे पूरा परिवार भाग कर एक किनारे बने छज्जे पर बैठ गया और सांप से जाने की प्रार्थना करने लगें पर वह कोबरा चौखट पर ही फन फैलाए बैठ गया मानो परिवार वालों को बंधक बना लिया हो।

मदद के लिए पड़ोसी को दी जानकारी

घबराए हुए परिवार ने किसी तरह मदद के लिए बगल वालों को इसकी जानकारी दी जिसके पश्चात पड़ोसी हर्षल पटेल ने इसकी जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को दिया और बताया साप एक किराने बैठ गया हैं और परिवार वाले अन्दर फस चुके हैं, जितेंद्र सारथी ने हल्की हल्की बारिश होने की वजह से थोड़ी देर में पहुंचने की बात कहीं आखिरकार एक घण्टे के पश्चात जितेन्द्र सारथी मौके पर पहुंचे और कमरे में प्रवेश किया जिसको देख बंधक बनी महिला फूट फूट कर रोने लगीं और बचा लेने की गुहार लगाने लगी।

टीम ने किसी तरह परिवार को बंधाई हिम्मत

वन विभाग की टीम ने किसी तरह पीड़ित परिवार को समझाया तब जाकर उनका डर कम हुआ जिस वक्त कमरे में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था वही बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थीं फिर सुरक्षित तरीके से उसे डिब्बे में बंद किया और और परिवार को निचे आने को बोला गया। एक घंटो दहशत में रही महिला सरस्वती यादव ने पुरी आप बीती बताई और बार बार नम आशु के साथ कहने लगीं " हमर आज जान बचा लेंहे बेटा "फिर सभी ने राहत भरी सास ली और जितेंद्र सारथी का धन्यवाद ज्ञापित किया थोड़ी देर पश्चात फिर उसे जंगल में छोड़ दिया गया।

यादव परिवार सुबह ही आए थे किराए में रात को खाली कर दिए

सरस्वती यादव का परिवार कहीं बाहर से कमाने खाने के लिए कोरबा आए थे जो की सुबह ही दादरखुर्द में मकान लेकर सुबह ही किराए में रहने लगे थे पर उन्हें क्या मालूम था उनका सामना कोबरा साप से ऐसे सामना होगा, एक घण्टे के दहशत भरे पल ने उनके दिमाग़ में इतना डर भर दिया की साप के रेस्क्यू के कुछ मिनटों बाद ही घर को ख़ाली कर दिया और अपने दामाद के घर चले गए।

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