रायपुर, छत्तीसगढ़. बीजापुर के तर्रेम में शनिवार को हुए नक्सली हमले में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर दीपक भारद्वाज उन जाबांज सिपाहियों में शामिल थे, जिन्होंने अपने साथियों की जान बचाने खुद की परवाह नहीं की। उन्होंने नक्सलियों से लोहा लेते हुए अपने कुछ साथियों को बचा लिया था, लेकिन तभी एक ब्लास्ट हुआ और बहादुर दीपक शहीद हो गए। दीपक जांजगीर के मालखरौदा के रहने वाले थे। यह जगह बीजापुर से करीब 600 किमी दूर है। जब बेटे की शहादत की खबर उनके पिता राधेलाल को लगी, तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। वे तुरंत बीजापुर के लिए निकले। वहां अस्पताल में करीब 4 घंटे भटकते रहे, तब जाकर शहीद बेटे का चेहरा देख पाए। राधेलाल कहते हैं कि बेटे के नहीं रहने का बहुत दु:ख है, लेकिन गर्व है कि वो अमर हो गया। उसने बहादुरी दिखाई। दीपक की 2019 में शादी हुई थी। कुछ दिनों बाद उनकी सेकंड मैरिज एनिवर्सिरी आने वाली थी। बता दें कि इस हमले में 24 जवान शहीद हो गए।