सार
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक फर्जी पत्र समाज में वैमनस्यता बढ़ा रहा है। लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहा है। रायपुर पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह फर्जी पत्र वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक फर्जी पत्र समाज में वैमनस्यता बढ़ा रहा है। लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहा है। रायपुर पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह फर्जी पत्र वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों की जानकारी देने के लिए पुलिस ने एक नम्बर भी जारी किया है।
छत्तीसगढ़ में एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पत्र सोशल मीडिया के जरिए कई राज्यों के लोगों के आंखों के सामने से गुजर रहा है। इस पत्र को देखकर हर कोई हतप्रभ है। तमाम लोग भ्रम की स्थिति मे हैं। आइए जानते हैं उस पत्र के बारे में।
सोशल मीडिया पर बहुप्रसारित लेटर में क्या है?
सोशल मीडिया पर बहुप्रसारित इस लेटर ने प्रशासन की नींद उड़ा रखी है। गृह विभाग के अवर सचिव मनोज श्रीवास्तव के नाम से यह पत्र वायरल हो रहा है। इसमें कान्यकुब्ज, सरयूपारीण और पुजारी ब्राह्मणों को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को खतरे के साथ अंधविश्वास फैलाने की भी बात कही गई है। लेटर में देशद्रोह के तहत मामला दर्ज करने का भी उल्लेख किया गया है। खास बात यह है कि यह पत्र बिल्कुल किसी सरकारी लेटर की तरह ही ड्राफ्ट किया गया है। बड़ी संख्या में लोग इसकी सच्चाई जाने बिना इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इस फेंक वायरल पत्र की जानकारी जब शासन के अफसरों को हुई तो अवर सचिव श्रीवास्तव ने खुद राखी थाने में केस दर्ज कराया है।
पुलिस ने ये कहा, इस नम्बर पर दे सकते हैं जानकारी
रायपुर पुलिस ने अपने ट्वीटर हैंडल से इस पत्र को लेकर अपना बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि रायपुर पुलिस द्वारा गृह विभाग के नाम से जारी इस फ़र्ज़ी पत्र पर FIR दर्ज की गई है। ऐसे फ़र्ज़ी पत्र को अग्रेषित ना करें अन्यथा फ़र्ज़ी पत्र वायरल करने वाले के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। फ़र्ज़ी पत्र वायरल करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही के लिए बाकायदा नम्बर भी दिया गया है। इस नम्बर 9479191099 पर जानकारी दे सकते हैं।
सतर्क रहें
सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते हुए चलन के दौर में डेली हमारे सामने से अनगिनत सूचनाएं गुजरती है। उन पर हमें आखं मूंदकर यकीन नहीं करना चाहिए। उनकी वजह से समाज के एक वर्ग के बीच भ्रांतियां भी घर कर जाती है। यदि समय रहते, उसकी जांच कर सच्चाई सामने न लाई जाए तो बात ज्यादा बढ़ सकती है।