सार

दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल नहीं रखे जाने से विपक्ष नाराज है। बीजेपी और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है और इसे विधायकों के अधिकारों का हनन बताया है।

दिल्ली। दिल्ली में जल्दी विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने वाली है। शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक होने वाला है। ऐसे में कई मुद्दों पर विपक्ष और पक्ष दोनों के बीच बहस होती हुई नजर आएगी। यहां सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल मौजूद नहीं है। इस बात से विपक्ष पार्टी के नेता विजेंद्र गुप्ता काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में उन्होंने बिना देरी किए विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल रखने की मांग तक उठा दी है। उन्होंने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में प्रश्नकाल नहीं रखने के कदम को विधानसभा सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया है।

बीजेपी ने भी जताई नाराजगी

इस बात पर बीजेपी पार्टी के नेता अजय महावर ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र के लोगों के सवालों और परेशानियों के प्रति जवाबदेह होते हैं। ऐसे में सदन एक ऐसा मंच है, जिसके जरिए विधायक प्रश्नकाल में अपने-अपने क्षेत्र की परेशानियों को रख सकते हैं। सरकार का ध्यान उन पर केंद्रित करवा सकते हैं। साथ ही उसके हल के बारे में भी बात कर सकते हैं। अगर प्रश्नकाल को सत्र में नहीं रखा जाएगा तो बात फिर आगे कैसे रखी जाएगी।

दिल्ली में जल्दी होंगे विधानसभा चुनाव

जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में जल्दी विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। 70 सीटों पर चुनाव 2025 में होंगे। ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर प्रसार-प्रचार करने में जुटी हुई है। वहीं, दिल्ली के चुनावी मैदान में एक बार फिर से बीजेपी, आप औऱ कांग्रेस पार्टियां आपस में लड़ती हुई नजर आने वाली है। आप पार्टी में कई राजनेताओं की हेरफेर भी हो चुकी है। आप पार्टी से कुछ दिनों पहले कैलाश गहलोत इस्तीफा देकर बाहर हुए थे। उनकी जगह पार्टी ने सोमवार के दिन रघुविंदर शौकीन के ऊपर दांव लगाने का फैसला किया। 

 

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