दिल्ली कार ब्लास्ट में 8 मौतों के बाद एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ। डॉक्टरों समेत 7 लोग गिरफ्तार किए गए और हरियाणा व J&K से हजारों किलो विस्फोटक जब्त हुआ। अब NIA इस मामले की जांच कर रही है।

नई दिल्ली: दिल्ली कार ब्लास्ट में कम से कम 8 लोगों के मारे जाने के बाद से अलग-अलग राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर एक "ट्रांसनेशनल टेरर मॉड्यूल" का हिस्सा हैं। साथ ही, हजारों किलोग्राम विस्फोटक, डेटोनेटर, टाइमर और बम बनाने के दूसरे सामान भी जब्त किए गए हैं। इससे पहले हरियाणा के फरीदाबाद में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में, ब्लास्ट होने से कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर में भी कुछ लोगों को पकड़ा गया। पुलिस के मुताबिक, डॉ. उमर, जो कथित तौर पर लाल किले के पास हुए धमाके वाली कार चला रहा था, वह भी इस मॉड्यूल का सदस्य था। कहा जा रहा है कि मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद उसने ब्लास्ट की योजना में जल्दबाजी की। उसके दो और डॉक्टरों से भी करीबी संबंध हैं, जो इस कथित मॉड्यूल का हिस्सा हैं।

डॉ. उमर और उनकी टीम देश को दहलाने निकला था

सुरक्षा बलों के मुताबिक, डॉ. उमर अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में रहते हुए दो और लोगों से मिला था, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. अदील राथर। गनई, जिसे मुसैब के नाम से भी जाना जाता है, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में कोली का रहने वाला है और अल-फलाह अस्पताल का पूर्व छात्र है। पुलिस ने बताया कि उन्हें गनई के किराए के घर से 300 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक मिला है। वहीं, अदील राथर 2018 में श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएट है। वह 2022-2024 तक अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में सीनियर रेजिडेंट भी था।

वैसे तो गनई 7 लोगों में से सबसे पहले गिरफ्तार होने वालों में से एक था, लेकिन पुलिस की पूछताछ के बाद अधिकारियों ने जल्द ही राथर को भी दबोच लिया। कथित मॉड्यूल का तीसरा सदस्य एक मौलवी, इरफान अहमद बताया जा रहा है, जो कथित तौर पर शोपियां में जम्मू-कश्मीर की एक मस्जिद का इमाम है। उस पर दूसरों को "कट्टरपंथी" बनाने और मॉड्यूल में शामिल होने में मदद करने का आरोप है। 

चौथा सदस्य, आरिफ निसार डार, जम्मू-कश्मीर के नौगाम का रहने वाला है और माना जाता है कि वह मौलवी और डॉ. गनई के संपर्क में था। पुलिस के मुताबिक, कम से कम 3 लोग नौगाम के रहने वाले हैं, जबकि एक और गांदरबल से है।

कारोबारी भी था इस गैंग का पार्ट

अधिकारियों ने बताया है कि एक और सदस्य, यासिर उल अशरफ, जो नौगाम का रहने वाला है, इलाके में अपने चाचा की दुकान संभालते हुए कारोबार करता है। सातवां कथित सदस्य, जमीर अहमद अहंगर भी गांदरबल का रहने वाला है और स्थानीय तौर पर "मुतलाशा" के नाम से जाना जाता है।

पुलिस के मुताबिक, 7 लोगों का यह ग्रुप "विचारधारा सिखाने, तालमेल बिठाने, आने-जाने और लॉजिस्टिक्स के लिए एन्क्रिप्टेड चैनलों" का इस्तेमाल करता था। इस कथित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ पहले हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था, जहां पुलिस अधिकारियों ने डॉ. मुजम्मिल के साथ काम करने वाले छात्रों, प्रिंसिपल और फैकल्टी सदस्यों से पूछताछ की, जिसमें 52 से ज्यादा लोगों से सवाल-जवाब किए गए।

सोमवार को एक बड़ी कामयाबी में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के एक अपार्टमेंट से 360 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट और 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने का सामान बरामद किया, जिसमें केमिकल, डेटोनेटर और तार शामिल थे। इस मामले में डॉ. मुजम्मिल और आदिल राथर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 20, 27 अक्टूबर और 5 नवंबर को शोपियां, गांदरबल (जम्मू-कश्मीर) और यूपी के सहारनपुर में कई गिरफ्तारियां हुईं। सूत्रों के मुताबिक, डॉ. आदिल को सहारनपुर में गिरफ्तार किया गया था।