दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। फुटेज में धमाके का खौफनाक पल कैद हुआ है। इस हादसे में 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए। एनआईए जांच में जुटी है और आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर दहशत से कांप उठी। लाल किले के पास सोमवार शाम हुए कार धमाके का पहला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। फुटेज में वह दिल दहला देने वाला मंजर कैद हुआ है, जब एक चलती कार अचानक आग के गोले में तब्दील हो गई। चौराहे पर ट्रैफिक का शोर, लोगों की हलचल और फिर एक पल में चारों ओर धुआं— यह दृश्य हर किसी को सिहरने पर मजबूर कर रहा है। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सीसीटीवी में कैद हुआ धमाके का खौफनाक पल
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज पर 10 नवंबर 2025 की तारीख और शाम 6:50 बजे का समय दर्ज है। फुटेज में लाल किले चौराहे पर गाड़ियों की लंबी कतार दिख रही है। जैसे ही ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन होता है, गाड़ियां आगे बढ़ने लगती हैं, और उसी वक्त अचानक एक कार से जोरदार धमाका होता है। आग का गोला उठते ही कैमरा ब्लैकआउट हो जाता है।
यह भी पढ़ें: बच्चे नहीं हुए तो कर लिया अपहरण! हापुड़ में हुआ दिल दहला देने वाला खुलासा
मौके पर मचा हड़कंप, एनआईए जांच में जुटी
धमाका लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुआ। धमाके की चपेट में कई वाहन आ गए। अफरा-तफरी मच गई, लोग चीखते-भागते नजर आए। पुलिस और एनआईए की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। अब एनआईए इस मामले की जांच कर रही है और कई राज्यों में छापेमारी चल रही है।
दो साल से रची जा रही थी साजिश
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह हमला अचानक नहीं बल्कि एक दो साल पुरानी साजिश का हिस्सा था। आतंकी मॉड्यूल एन्क्रिप्टेड चैनलों के ज़रिए धन जुटा रहा था और धर्मार्थ संगठनों की आड़ में नेटवर्क चला रहा था। एजेंसियों के अनुसार, इस ब्लास्ट के पीछे का मकसद बड़े पैमाने पर तबाही मचाना था।
दो विस्फोटक और कारतूस मिले, अमोनियम नाइट्रेट से हुआ धमाका
एफएसएल टीम ने मौके से दो कारतूस और दो तरह के विस्फोटक बरामद किए हैं। इनमें एक अमोनियम नाइट्रेट और दूसरा उससे भी अधिक घातक बताया जा रहा है। अब तक 40 से अधिक सैंपल जांच के लिए जुटाए गए हैं। शुरुआती जांच में ईंधन तेल और डेटोनेटर के इस्तेमाल की भी आशंका जताई जा रही है।
उमर था कार में अकेला, 11 घंटे का रूट ट्रेस
अधिकारियों के मुताबिक, कार में सवार शख्स उमर ही था। वह करीब तीन घंटे सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में रुका था और फरीदाबाद में साथियों की गिरफ्तारी की खबरें पढ़ रहा था। पुलिस ने उमर की कार के 11 घंटे के रूट की पहचान कर ली है। जांच में यह भी सामने आया है कि धमाका संभवतः घबराहट में हुआ, न कि आत्मघाती हमले के तहत।
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये, और साधारण घायलों को 20 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
बड़ी साजिश हुई नाकाम
एजेंसियों का मानना है कि अगर कार में भरे विस्फोटकों का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से होता, तो नुकसान कहीं ज्यादा हो सकता था। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते देश एक बड़े हादसे से बच गया।
यह भी पढ़ें: भारत पर्व 2025: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर छाएगा यूपी का रंग, खुद पहुंचेंगे CM योगी
