सार
जम्मु कश्मीर के एक शिक्षक ने पवित्र कुरान को अपनी हैंडराइटिंग में लिख डाला है। इस किताब को लिखने में उन्हें 6 महीने 14 दिन का समय लगा है।
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर एरिया से सटे दरहाल मलकान क्षेत्र के मुहम्मद इशाक मलिक ने कमाल कर दिखाया है। 54 वर्षीय मुहम्मद इशाक ने 611 पेजों की पवित्र ग्रंथ कुरान को अपने हाथों से लिखा है। हाथ से लिखी हुई इस कुरान में आप को उतनी ही सफाई और सुंदर हैंड राइटिंग दिखेगी जैसे की कि यह कहीं से प्रिंट कराई गई हो।
6 माह औऱ 14 दिन में कर दिखाया करिश्मा
बॉर्डर एरिया राजौरी के दरहाल मलकान क्षेत्र के रहने वाले मुहम्मद इशाक ने यह पाक कुरान अपने हाथों से राइटिंग पैड पर लिखा है। मुहम्मद ने बताया कि पूरी कुरान को हाथ से लिखने में उन्हें 6 माह और 14 दिनों का वक्त लग गया।
ये भी पढ़ें. पीठ-कमर, घुटने का दर्द मिटाने गजब तरीका, बेलन-चकरी घुमाकर दूर कर देते हैं सालों पुराना मर्ज
बचपन का सपना पूरा हुआ
पेशे से शिक्षक मुहम्मद इशाक ने बताया कि यह उनका बचपन का सपना था कि वह इस पाक कुरान को अपने हाथों से पूरा लिखें। 6 माह और 14 दिन लग गए पूरी कुरान को अपनी हैंडराइटिंग में लिखने में। और खुदा की रहमत रही कि मैं इस काम में कामयाब रहा।
नई पेन खरीदने के दौरान लिखता था 'बिस्मिल्लाह'
मुहम्मद इशान ने बताया कि बचपन से ही उनकी हैंडराइटिंग बहुत अच्छी थी। वह जब किसी स्टेशनरी की शॉप पर पेन लेने जाते थे तो उसे चेक करने के दौरान बिसम्मिल्लाह लिखते थे। शॉप के ओनर भी यह देखते थे। उन्होंने ही मुझे पाक कुरान लिखने के लिए इनकरेज किया जिसके बाद मैंने इसकी शुरुआत कर दी। मुहम्मद इशाक ने बताया कि उन्होंने पहले कैलिग्राफी से शुरुआत की। वह देखना चाहते थे कि वह इस पवित्र कुराा को पूरा लिख पाने में इंटरेस्ट रे रहा हैं।
ये भी पढ़ें. गजब ! अब बर्थ डेट को बनाएं मोबाइल नंबर, जानें कैसे?
ड्यूटी के समय कभी निकाली कुरान
मुहम्मद इशाक ने बताया कि वह पेशे से शिक्षक हैं तो कभी भी ड्यूटी ऑवर में उन्होंने कुरान नहीं लिखी। कुरान हमेशा उन्होंने सुबह या फिर शाम को लिखी जिसमें बच्चों और पत्नी ने भी उनको काफी सपोर्ट किया।