Bengal Teacher Scam Update: पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1804 'दागी' शिक्षकों की सूची जारी की। जानें पूरी रिपोर्ट, विरोध प्रदर्शन और घोटाले की अहम बातें।
Bengal Teacher Scam:पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (Bengal Teacher Scam, WB SSC Teacher Fraud) ने फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WB SSC) ने 1804 अयोग्य और ‘दागी’ उम्मीदवारों की सूची जारी की। यह कदम कैश-फॉर-जॉब घोटाले (Cash-for-Job Scam) में न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया। सूची में रोल नंबर, सीरियल नंबर और नाम शामिल हैं, जिन्हें अब सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है।
घोटाले का इतिहास और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इससे पहले 14 जुलाई, 2025 को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के 2024 के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले SSC शिक्षकों ने 'जोग्या शिक्षक शिक्षा अधिकार मंच' के बैनर तले हावड़ा से बंगाल सचिवालय की ओर विरोध मार्च 'नबन्नो अभियान' शुरू किया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने पाया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हेराफेरी और धोखाधड़ी हुई थी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने TMC सरकार को नई, पारदर्शी चयन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।
कितने प्रभावित हुए और क्यों यह मामला खास है?
पश्चिम बंगाल में लगभग 25,753 शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी इस भर्ती घोटाले की वजह से अपनी नौकरी गंवाने पर मजबूर हुए। यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इससे न केवल सरकारी शिक्षा प्रणाली पर भरोसा उठ रहा है, बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी भारी हलचल मची है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण नौकरी रद्द करना न्यायोचित था और राज्य सरकार को पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करनी होगी।
विरोध और नबन्नो अभियान
नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ कई बार विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। नबन्नो अभियान (Nabanno Protest) ने इस घोटाले को सार्वजनिक ध्यान में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आंदोलन ने यह सवाल उठाया कि क्या भविष्य में भी ऐसे घोटाले दोहराए जा सकते हैं और नई भर्ती प्रक्रिया कितनी पारदर्शी होगी।
क्या आगे होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए और किसी भी हेराफेरी की अनुमति नहीं दी जाएगी। 3 अप्रैल, 2025 को भी अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा 25,000 से अधिक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द किया गया था।
