सार

हिंसा प्रभावित संबलपुर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पश्चिमी ओडिशा शहर में शुक्रवार को हनुमान जयंती मनाई गई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जुलूस में हिस्सा लिया। शाम को मार्च से पहले शहर में लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था। 

संबलपुर/भुवनेश्वर. हिंसा प्रभावित संबलपुर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पश्चिमी ओडिशा शहर में शुक्रवार को हनुमान जयंती मनाई गई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जुलूस में हिस्सा लिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने शाम को मार्च से पहले शहर में लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था। बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति में 'महाआरती' कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जो उत्सव का मुख्य आकर्षण था।

ओडिशा में हनुमान जयंती और साम्प्रदायिक हिंसा

हनुमान जयंती का जुलूस ब्रक्सपाल हनुमान मंदिर से शुरू होकर संवेदनशील इलाकों से होकर गुजरा। ओडिशा महा बिसुबा संक्रांति पर हनुमान जयंती मनाता है जो इस साल 14 अप्रैल को पड़ी। जिला कलेक्टर अनन्या दास के साथ डीआईजी (उत्तर मध्य) बृजेश रे और संबलपुर एसपी बी गंगाधर उन सीनियर पुलिस अधिकारियों में शामिल थे, जो शांतिपूर्ण जुलूस सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर थे।

कलेक्टर ने कहा-मुझे आयोजकों के नेताओं द्वारा आश्वासन दिया गया है कि उत्सव के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। मैंने सभी प्रतिभागियों को आगाह भी किया है कि गड़बड़ी पैदा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'

पश्चिमी ओडिशा में हनुमान जयंती पर हुआ था उपद्रव

पश्चिमी ओडिशा शहर में बुधवार(12 अप्रैल) को हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में एक बाइक रैली के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी। जैसे ही संघर्ष सड़कों पर फैल गया, कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ दुकानों में आग लगा दी गई।

झड़प के दौरान पथराव की घटना में दस पुलिसकर्मी और हनुमान जयंती समन्वय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष दामोदर कर सहित लगभग 12 सदस्य घायल हो गए थे। संबलपुर में दंगा करने के आरोप में कुल मिलाकर 32 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कुछ को हिरासत में भी लिया गया है। एसपी ने कहा, हम बुधवार को हिंसा में शामिल कुछ और लोगों को हिरासत में ले सकते हैं।

ड्रोन से रखी जा रही हिंसाग्रस्त इलाकों पर नजर

कलेक्टर ने कहा कि पूरे शहर में शरारतियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है' और इलाके में हिंसा को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं 13 अप्रैल से बंद हैं। संबलपुर शहर में भी सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जहां गुरुवार को सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च किया गया और लोगों में विश्वास जगाने के लिए पैदल गश्त की गई।

एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने शरारती तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चुनिंदा संवेदनशील इलाकों में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। संबलपुर में हिंसा की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को हनुमान जयंती के जुलूस से पहले राज्य के छह संवेदनशील जिलों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि भद्रक, बालासोर, कटक, केंद्रपाड़ा, नबरंगपुर जिलों और कोरापुट के जयपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, ताकि जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से गुजरे।

कोरापुट में 24 अप्रैल तक रैलियों-सभाएं बैन

एडीजे (लॉ एंड ऑर्डर) आरके शर्मा ने कहा कि भुवनेश्वर और कटक के सभी पुलिस सुपरिटेंडंट और डिप्टी पुलिस कमिश्नरां को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। कोरापुट जिला प्रशासन ने 24 अप्रैल तक दोपहर 3 बजे से सुबह 9 बजे के बीच जयपुर शहर(Jeypore town) में रैलियों, जुलूसों और सभाओं के आयोजन पर निषेधाज्ञा लगा दी है।

तटीय राज्य के दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भुवनेश्वर हवाईअड्डे पर कहा कि ओडिशा शांतिप्रिय राज्य है। उन्होंने कहा, "हनुमान जयंती के जुलूस पर पत्थर फेंकना ओडिशा या देश के किसी भी हिस्से को स्वीकार्य नहीं है।"

दिन में संबलपुर का दौरा करने वाले भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने झड़प में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। भगवा पार्टी के विधायकों की टीम ने हिंसा की निंदा की और शहर में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल होने के लिए राज्य में बीजद सरकार को दोषी ठहराया।

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