Monsoon Mayhem in Himachal! हिमाचल में आफत की बारिश! शिमला, मंडी, सोलन में भूस्खलन और बाढ़ का डर, 300 से ज़्यादा स्कूल बंद। 12 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी, कई जिलों में मानसून ब्रेक। पहाड़ों पर मंडरा रहा है तबाही का साया, प्रशासन अलर्ट पर।
School Holidays Due To Rain In Himachal: हिमाचल प्रदेश इस समय भारी बारिश के चलते गंभीर हालात से जूझ रहा है। राज्य सरकार ने कई जिलों में मानसून की छुट्टियों की घोषणा कर दी है, क्योंकि 300 से ज्यादा स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद करने पड़े हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि ज़िला प्रशासन को स्थानीय स्तर पर स्कूल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से शिमला, मंडी और सोलन जैसे जिलों में बच्चों का स्कूल पहुंचना अब एक चुनौती बन गया है।
IMD ने हिमाचल के लिए क्यों जारी किया 12 अगस्त तक येलो अलर्ट?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश में 12 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। यह स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के मिलन के कारण बनी है, जिससे तेज़ हवाएं, बादल छाने और दृश्यता में गिरावट देखी जा रही है।
300 से ज्यादा स्कूलों की बंदी: बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा फैसला
शिक्षा विभाग के अनुसार, मंडी और शिमला के कई उपखंडों में स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में सड़कें फिसलन भरी और जानलेवा हो गई हैं।
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बारिश के आंकड़े डराते हैं: 77% अधिक वर्षा दर्ज
IMD वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि हिमाचल में अब तक मौसमी औसत से 77% ज्यादा बारिश हो चुकी है। सोलन के कसौली में 145 मिमी, मंडी के गोहर में 120 मिमी और बिलासपुर में भी भारी वर्षा दर्ज की गई है। वहीं, लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी जिले सामान्य से अधिक बारिश झेल रहे हैं।
कहां-कहां बढ़ा है खतरा? जानिए जिलेवार चेतावनी
- 6 अगस्त: बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन में येलो अलर्ट
- 7-8 अगस्त: शिमला, कुल्लू, सिरमौर, सोलन में भारी बारिश की संभावना
- 9-12 अगस्त: पूरे राज्य में रुक-रुक कर बारिश, लेकिन तीव्रता कम हो सकती है
क्या मंडरा रहा है बाढ़ और भूस्खलन का खतरा?
IMD ने विशेष रूप से मंडी और आसपास के क्षेत्रों के लिए अचानक बाढ़ (Flash Flood) और भूस्खलन (Landslide) की चेतावनी जारी की है। लगातार बारिश से मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गई है, जिससे पहाड़ों के खिसकने का खतरा दोगुना हो गया है।
बादलों ने छुपा दीं पहाड़ों की खूबसूरत वादियां
शिमला, सोलन और सिरमौर जैसे इलाकों में लगातार बादलों के बने रहने और बारिश की वजह से दृश्यता बेहद कम हो गई है। यह स्थिति न केवल यातायात के लिए खतरनाक है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी परेशानी का सबब बन गई है। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार अपने तीखे तेवर दिखाए हैं। जहां एक ओर मौसम की मार से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं प्रशासन की सक्रियता ने बड़ी दुर्घटनाओं को फिलहाल टाल दिया है। हालांकि, अगले कुछ दिन बेहद सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
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