सार
मंदिर में किसी मुस्लिम कपल का निकाह क्या संभव है? समाज में प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए पिछले दिनों शिमला जिले के रामपुर में एक हिंदू मंदिर परिसर में एक मुस्लिम जोड़े ने इस्लामिक रीति-रिवाजों से निकाह किया।
शिमला. मंदिर में किसी मुस्लिम कपल का निकाह क्या संभव है? निश्चय ही जवाब न में होगा, लेकिन असंभव कुछ भी नहीं। समाज में प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए पिछले दिनों शिमला जिले के रामपुर में एक हिंदू मंदिर परिसर में एक मुस्लिम जोड़े ने इस्लामिक रीति-रिवाजों से निकाह किया। यह निकाह मीडिया की सुर्खियों में है।
पढ़िए इस अनूठे निकाह से जुड़ीं 12 बड़ी बातें
1. यह निकाह विश्व हिंदू परिषद द्वारा संचालित ठाकुर सत्यनारायण मंदिर परिसर में पढ़ा गया। मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग एक साथ आए और मंदिर में मुस्लिम जोड़े के निकाह में शरीक हुए।
2.निकाह की रस्म मंदिर परिसर में मौलवी, गवाहों और एक वकील की मौजूदगी में पूरी हुई। मंदिर परिसर में इस शादी को कराने का मकसद लोगों में धार्मिक सद्भाव और भाईचारे का संदेश फैलाना है।
3. बता दें कि रामपुर स्थित सत्यनारायण मंदिर परिसर में ही विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिला कार्यालय है। इस समय देश में बेवजह हिंदू-मुस्लिम विवादों को हवा दी जा रही है।
4.ठाकुर सत्यनारायण मंदिर ट्रस्ट रामपुर के महासचिव विनय शर्मा ने बताया, "विश्व हिंदू परिषद इस मंदिर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यालय को चलाता है।
5. बता दें कि विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस पर अक्सर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाया जाता है। लेकिन अब एक मुस्लिम कपल के मंदिर परिसर में निकाह ने एक नई मिसाल पेश की है।
6. विनय शर्मा ने कहा कि यह अपने आप में एक मिसाल है कि सनातन धर्म हमेशा सबको शामिल कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
7.बच्ची के पिता महेंद्र सिंह मलिक ने कहा, ''बेटी की शादी रामपुर के सत्यनारायण मंदिर परिसर में हुई है। विश्व हिंदू परिषद हो या मंदिर ट्रस्ट शहर के लोगों ने इस निकाह में सहयोग करके सकारात्मक और सक्रिय भागीदारी निभाई।''
8.इस निकाह ने रामपुर की जनता ने लोगों के बीच भाईचारे का संदेश दिया है। मलिक ने कहा कि एक-दूसरे को गुमराह नहीं करना चाहिए, ताकि आपसी भाईचारा खराब न हो।
9.निकाह के बाद वर-वधु के परिजनों ने एक-दूसरे को गले लगाकर विवाह संपन्न होने की बधाई दी। बाद में मंदिर परिसर में शाकाहारी प्रीति भोज का आयोजन किया गया।
10.मुस्लिम जोड़े का यह निकाह 3 मार्च को रामपुर के सत्यनारायण मंदिर में पढ़ा गया था। इसमें न सिर्फ लड़के-लड़की के मुस्लिम रिश्तेदारों ने हिस्सा लिया, बल्कि इलाके के हिंदू लोगों ने भी नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।
11.सबिहा मलिक और महेंद्र सिंह मलिक की बेटी नयामत मलिक एमटेक, सिविल इंजीनियर है। नयामत के पति राहुल शेख भी सिविल इंजीनियर हैं और चंबा के चुवाड़ी के रहने वाले हैं।
12. दोनों परिवारों की रजामंदी से मंदिर के हॉल में निकाह कराया गया। इस शादी के तहत 1 मार्च की शाम को मामा का स्वागत किया गया और रात में बंटवारे की रस्म अदा की गई। अगले दिन 2 मार्च को रामपुर के परिजनों व लोगों के लिए धाम रखा गया, जबकि रात में मेहंदी लगाई गई।
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