मेरठ, उत्तर प्रदेश. महिलाएं बाहर की जिम्मेदारियां निभा रही हों या घर कीं..उनका हौसला..जज्बा और समर्पण हमेशा 'चरम' पर होता है। ये तस्वीरें 'वुमेन पॉवर' की रियल गवाही देती हैं। महिला बेटी हो..मां हो..बहन हो या पत्नी, वो हर मोर्चे पर डटकर खड़ी रहती है। अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती है। आंखों में बेशुमार आंसुओं के बावजूद.उसका हौसला कभी नहीं डिगता। ये मां-बेटी भी इसी का उदाहरण हैं। ये हैं शहीद मेजर केतन शर्मा की पत्नी इरा और उनकी मासूम बेटी। मेरठ के रहने वाले मेजर केतन 18 जून, 2019 को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। यह कहानी फिर से याद कराए जाने का यही उद्देश्य है कि इस मां-बेटी को देखकर लोग महिलाओं की ताकत का आकलन कर सकें। एक बेटी अपनी पिता को अंतिम विदाई देते समय भी मुस्कराती रही। भले उसे नहीं मालूम था कि पापा के साथ क्या हुआ? वे दुबारा नहीं लौटेंगे..लेकिन यह बेटी बड़े होकर एक साहसी महिला बनेगी। दूसरा, पत्नी इरा ने हमेशा सरहद पर ड्यूटी करते पति का हौसला बढ़ाया। खतरों के बीच खड़े पति को कभी नौकरी छोड़कर घर आने को नहीं कहा। 8 मार्च को मनाए जाने वाले International Women's Day के मौके पर पढ़िए अदम्य साहस की प्रतीक इन इन महिलाओ की कहानी...