Sadhguru Isha Foundation Social Service: ईशा फाउंडेशन ने तमिलनाडु में गरीब और BPL परिवारों के लिए मुफ्त अंतिम संस्कार सेवा शुरू की। मंत्री थिरु केएन ने इसका उद्घाटन किया। यह पहल गरीब परिवारों को गरिमा के साथ अंतिम विदाई देने में मदद करेगी। 

Isha Foundation Free Cremation Service: तमिलनाडु में गरीब और BPL (Below Poverty Line) परिवारों के लिए अब अंतिम संस्कार का खर्च चिंता का कारण नहीं रहेगा। सद्गुरु की ईशा फाउंडेशन ने राज्यभर में मुफ्त दाह-संस्कार सेवा शुरू की है, जो उन परिवारों की मदद करेगी, जो आर्थिक कारणों से अपने अपनों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार नहीं कर पाते। यह पहल पूरी तरह जनहित और सेवा-आधारित है, जिसका उद्देश्य हर व्यक्ति को गरिमा के साथ अंतिम विदाई देना है।

नगर प्रशासन मंत्री ने की सेवा की शुरुआत

इस नई सेवा की आधिकारिक शुरुआत चेन्नई में नगर प्रशासन मंत्री थिरु केएन नेहरू (Thiru KN Nehru) ने की। इस दौरान मंत्री केएन नेहरू ने कहा कि ईशा फाउंडेशन का यह कदम समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा और सरकार भी ऐसे प्रयासों को निरंतर समर्थन देगी।

ईशा के दाह-संस्कार केंद्रों में हो चुके हैं एक लाख से ज्यादा अंतिम संस्कार

ईशा फाउंडेशन पहले से ही तमिलनाडु में दाह-संस्कार सेवाएं चला रहा है। इनकी तरफ से संचालित ईशा कायन्था स्थानम (Isha Kayantha Sthanam) नाम के केंद्रों पर अब तक 1 लाख से ज्यादा अंतिम संस्कार किए जा चुके हैं। इन केंद्रों में खास ध्यान दिया जाता है कि हर व्यक्ति को सम्मान मिले, प्रक्रियाएं सही तरीके से पूरी हों, परिवार को किसी तरह की परेशानी न हो। यह सेवा मुफ्त और पूरी तरह मानवीय दृष्टिकोण पर आधारित है।

17 गैस क्रेमेटोरियम का संचालन और 3 और केंद्र लेने की तैयारी

ईशा फाउंडेशन वर्तमान में तमिलनाडु सरकार के साथ मिलकर 17 गैस-आधारित क्रेमेटोरियम चलाता है। अब संगठन जल्द ही 3 नए क्रेमेटोरियम की जिम्मेदारी भी लेने वाला है। इस विस्तार के बाद अधिक जिलों के गरीब परिवारों को सुविधा और राहत मिलेगी।

ईशा फाउंडेशन की ये पहल क्यों अहम?

भारत में कई गरीब परिवार आर्थिक तंगी के कारण उचित अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाते। लकड़ी, सुविधा शुल्क और अन्य व्यवस्थाओं का खर्च उठाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ईशा फाउंडेशन की यह पहल इन परिवारों पर आर्थिक बोझ कम करेगी, मृतक को गरिमा के साथ अंतिम विदाई देगी, समाज में सेवा और सहानुभूति की भावना को मजबूत करेग और सरकारी ढांचे को भी सहयोग देगी।