Vaishno Devi Yatra News: जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मां वैष्णो देवी यात्रा 13वें दिन भी स्थगित रही। श्रद्धालु कटरा में दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत के बाद जांच समिति गठित की गई है।

Vaishno Devi Yatra Suspended: भक्ति और आस्था की राह पर संकट का साया अब भी छाया हुआ है। मां वैष्णो देवी के दर्शन की आस लिए हजारों श्रद्धालु कटरा में इंतजार कर रहे हैं, लेकिन त्रिकुटा पहाड़ियों में लगातार बारिश, भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण यात्रा 13वें दिन भी स्थगित रही। प्रशासन ने साफ किया है कि तीर्थयात्रा तभी बहाल होगी जब मौसम अनुकूल हो और रास्ता पूरी तरह सुरक्षित घोषित कर दिया जाए।

श्रद्धालुओं की लंबी प्रतीक्षा और अधूरी भक्ति की वेदना

केरल से आए एक श्रद्धालु ने कहा, “मैं दो दिन से यहां इंतजार कर रहा हूं। लोग कह रहे हैं कि शायद 15 दिन बाद रास्ता खुले। मन उदास है, लेकिन मैं बिना मां के दर्शन किए घर नहीं लौटूंगा।” वहीं, एक अन्य श्रद्धालु अरुण ने कहा, “यात्रा रुकी है क्योंकि हादसे में कई लोगों की जान चली गई। मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि मौसम सुधरे और बारिश थमे ताकि दर्शन का सौभाग्य मिल सके।”

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26 अगस्त को अधकुवरी में हादसा, 34 श्रद्धालुओं की गई जान

गौरतलब है कि 26 अगस्त को अधकुवरी के पास भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ था। दोपहर करीब 3 बजे आए इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हुए थे। इसी के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई। हादसा इंदरप्रस्थ भोजालय के पास हुआ, जो कटरा से माता के भवन तक की 12 किलोमीटर लंबी चढ़ाई का लगभग मध्य बिंदु है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गठित की उच्चस्तरीय जांच समिति

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस त्रासदी की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शलीन काबरा की अध्यक्षता वाली इस समिति में जम्मू संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को भी शामिल किया गया है। आदेश के अनुसार, समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इसमें हादसे के कारणों, बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा के साथ भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के उपाय सुझाने होंगे।

बादल फटने और बाढ़ से डोडा में कटे गांव, सेना ने बनाया पुल

इस बीच, डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र में बादल फटने और बाढ़ से गांवों का संपर्क कट गया। स्थिति को देखते हुए सेना की 4 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट ने 18 घंटे के भीतर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर लोगों की आवाजाही बहाल कर दी।

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