वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस मेहसाणा में ‘From Vision to Velocity’ थीम पर सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स डेवलपमेंट सत्र आयोजित हुआ। कार्यक्रम में शिक्षा-उद्योग सहयोग, टैलेंट डेवलपमेंट और वैश्विक सेमीकंडक्टर हब के रूप में गुजरात की भूमिका पर जोर दिया गया।
गांधीनगर। गुरुवार को वाइब्रेंट गुजरात क्षेत्रीय परिषद (VGRC), मेहसाणा में महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स डेवलपमेंट सत्र का सफल आयोजन हुआ। इस अवसर पर गुजरात ने अपने सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स को गति देने के लिए “फ्रॉम विजन टू वेलोसिटी” थीम लॉन्च की। यह आयोजन राज्य में बढ़ते सेमीकंडक्टर सेक्टर को गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ।
उद्योग और शिक्षा के बीच समन्वय रहा केंद्र में
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य गुजरात की सेमीकंडक्टर प्रतिभा को सशक्त बनाना और उद्योग व शिक्षा जगत के बीच तालमेल को मजबूत करना रहा। यह कार्यक्रम गणपत विश्वविद्यालय, मेहसाणा (उत्तर गुजरात) में आयोजित किया गया। पहले दिन आयोजित इस विशेष सत्र की थीम थी- 'दृष्टि से वेग की ओर सेमीकंडक्टर चिप के लिए कार्यबल विकास'।
सत्र में गुजरात के सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने और राज्य के टैलेंट इकोसिस्टम को मजबूत बनाने पर रणनीतिक चर्चा की गई। यह आयोजन इस बात का प्रतीक था कि गुजरात स्वयं को वैश्विक सेमीकंडक्टर, मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन हब के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अग्रणी विशेषज्ञों की मौजूदगी और विचार-विमर्श
इस सत्र में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। ग्रिट की सीईओ श्रीमती एस. अपर्णा ने गुजरात की अग्रसर भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा प्रणाली को और सशक्त बनाने की जरूरत है। मुख्य कार्यक्रम में रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने देश में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए कुशल टैलेंट की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव श्रीमती पी. भारती, गुजरात राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन की निदेशक श्रीमती नेहा कुमारी, भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के निदेशक श्री मनीष हुडा और गतिशक्ति यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. मनोज चौधरी ने भी अपने विचार और प्रेजेंटेशन साझा किए।
'Building Gujarat’s Semiconductor Talent Pipeline' पर पैनल चर्चा
उद्योग और शिक्षा के बीच समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।
पहला पैनल: 'Building Gujarat’s Semiconductor Talent Pipeline' का संचालन श्री नीलेश राणपुरा, निदेशक (ASIC), eInfochips ने किया।
इस चर्चा में विभिन्न संस्थानों और कंपनियों के विशेषज्ञों ने सेमीकंडक्टर टैलेंट इकोसिस्टम को सशक्त करने, कौशल अंतर भरने, पाठ्यक्रम आधुनिकीकरण, और उद्योग की अपेक्षाओं को पूरा करने जैसे विषयों पर विचार साझा किए।
पैनल में डॉ. एस. मनोहरन (डीजी, PDEU), प्रो. निहार मापात्रा (IIT गांधीनगर), श्री शहबाज सैयद (Micron Semiconductor Technology India), डॉ. राजगोपालन पांडे (Naimtech), और डॉ. कमलजीत सिंह (DG, SCL) शामिल थे।
MoU हस्ताक्षर और नई भागीदारियां
इस महत्वपूर्ण सत्र में IIT गांधीनगर के निदेशक प्रो. रजत मूना ने अपने संबोधन के बाद कई एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में गुजरात सरकार के समर्थ प्रोजेक्ट के लिए IIT गांधीनगर, दिगंतरा, गतिशक्ति यूनिवर्सिटी, और बैंकों के साथ भागीदारी शामिल थी। साथ ही वर्कफोर्स डेवलपमेंट के लिए मॉन्क9 और निरमा विश्वविद्यालय के बीच भी एक नई साझेदारी की घोषणा की गई।
'Collaboration for Innovation' सत्र में शिक्षा-उद्योग सहयोग पर जोर
दूसरे सत्र “Collaboration for Innovation” का संचालन डॉ. अनुराग कांड्या (एसोसिएट प्रोफेसर, PDEU) ने किया। इस चर्चा में शिक्षा और उद्योग के बीच प्रभावी सहयोग, संयुक्त अनुसंधान, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, उन्नत पैकेजिंग स्किल्स, और फैब वर्कफोर्स विकास जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
इंटरेक्टिव प्रश्नोत्तरी सत्र में मात्सुओ-सान (GICA), मार्मिक भट्ट (सीईओ, मॉन्क9), श्री मोंटू माकडिया (सीनियर एडवाइजर, सफल), डॉ. वसीउद्दीन (R&D हेड, केन्स), शीतल मेहता (डायरेक्टर, सुधी सेमीकॉन) और प्रो. अमिताभ जैन (प्रैक्टिस प्रोफेसर, TEPL) ने भाग लिया।
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