पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने फुटबॉलर मेसी के GOAT इंडिया टूर के दौरान साल्ट लेक स्टेडियम में हुई तोड़फोड़ और हंगामे के बाद इस्तीफा देने की पेशकश की है। जानिए क्या है पूरा मामला...

West Bengal Sports Minister Resign: पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे अपने पत्र के माध्यम से इस्तीफा दे दिया। यह कदम उस समय आया जब सरकार ने लियोनेल मेसी (Lionel Messi) के GOAT इंडिया टूर के दौरान साल्ट लेक स्टेडियम में हुए भगदड़ और बवाल के जांच का आदेश दिया। बिस्वास ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा, इसलिए दिया ताकि घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो सके। उनका इस्तीफा संकेत माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले TMC कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।

मेसी के कोलकाता आने पर क्या हुआ था?

शनिवार को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में मेसी के आने पर दर्शक नाराज हो गए। कई लोग 15,000 रुपये तक टिकट के बावजूद अपने स्टार फुटबॉलर की एक झलक तक नहीं पा सके थें। इससे नाराज दर्शकों ने स्टेडियम में तोड़फोड़ बोतलें फेंकना और सीटें उखाड़ने जैसे बवाल काटे। आरोप लगाया गया कि मेस्सी VIP और प्रभावशाली लोगों से घिरे रहे, जिससे आम दर्शकों को उनकी झलक तक नहीं मिल पाई। घटना के मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता को गिरफ्तार किया गया। सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हुआ और TMC और सरकार की छवि के लिए संकट बन गया।

मेसी के टूर पर बवाल के बाद सरकार की कार्रवाई

घटना के बाद सरकार ने तत्कालीन जांच रिपोर्ट के आधार पर कई वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की। DGP राजीव कुमार को कारण बताओ नोटिस दिया गया। बिधाननगर पुलिस प्रमुख और खेल विभाग के प्रधान सचिव को भी नोटिस जारी किया गया। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अनीश सरकार को निलंबित कर दिया गया।

अरूप बिस्वास के इस्तीफे का राजनीतिक असर

दुनिया के सबसे महान फुटबॉलर्स में से एक लियोनेल मेसी दूसरी बार इंडिया पहुंचे तो उनका सबसे पहला इवेंट कोलकाता में हुआ। इस दौरान अपने चहेते सुपरस्टार फुटबॉलर को देखने के लिए हजारों की संख्या में फैंस स्टेडियम पहुंचे। उन्होंने महंगे-महंगे टिकट भी खरीदे थे, लेकिन जब मेसी उनके सामने नहीं आए तो वे भड़क गए और स्टेडियम में तोड़फोड़ शुरू कर दिया। इस घटना ने राज्य में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टीएमसी खासकर ममता बनर्जी सरकार की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया। बीजेपी ने सरकार पर मिसमैनेजमेंट का आरोप लगाया और इसे चुनावी मुद्दा बनाया। अब अरूप बिस्वास का इस्तीफा इस बात का संदेश है कि पार्टी घटना की पूरी तरह से जांच चाहती है और कोई राजनीतिक दाग न लगे।