सार

झारखंड में गुरुवार की दोपहर गुमला शहर से बड़ी खबर सामने आई है। यहां एक इनामी नक्सली को सुरक्षाबलों की टीम ने ढेर कर दिया। इस नक्सली को 4 पुलिस कर्मियों की हत्या में NIA को तलाश थी। सुरक्षाबलों को आंजन और मरवा जंगल में छुपे होने की टिप मिली थी।

गुमला (gumla News). झारखंड के गुमला इलाके से बड़ी खबर सामने आई है। नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों में माओवादियों के सफाए के लिए सुरक्षाबलों और पुलिस मिलकर कई मुहिम चलाती है जिसमें कई बार सरेंडर करने तो कई बार नक्सलियों का सफाया किया जाता है। इसी कड़ी में गुरुवार की दोपहर शहर में एक नक्सली सब जोनल कमांडर को एनाकाउंटर में मार गिराया है। सब जोनल कमांडर राजेश उरांव पर दो लाख रुपए का इनाम घोषित था साथ ही इसकी तलाश एनआईए कर रही थी।

गुमला के आंजन और मरवा जंगल में छुपा था इनामी नक्सली

नक्सली के एनकाउंटर के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस एसपी एहतेशाम वकारिब ने बताया कि गुरुवार के दिन एक टिप मिली की मरवा और आंजन के जंगलों में 2 लाख का इनामी माओवादी राजेश उरांव छुपा हुआ है। टिप के आधार पर सुरक्षा बलों ने राजेश को पकड़ने के लिए एक मिशन शुरू किया। एसपी ने बताया कि जैसे ही सुरक्षाबलों की टीम जैसे ही जंगलों में आरोपी की तलाश करने पहुंची तो माओवादियों ने टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी। अचानक हुए फायरिंग का जवाब भी सुरक्षाबलों ने दिया। दोनों तरफ हुई क्रॉस फायरिंग में नक्सली राजेश उरांव की मौके पर ही मौत हो गई। सुरक्षाबलों की टीम को उसके पास से एक राइफल और कई जिंदा कारतूस बरामद किए गए है।

चार साल से NIA तलाश रही थी इनामी नक्सली राजेश उरांव को

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के लातेहार शहर के चंदवा में चार साल पहले पुलिस में हुए हमले में एनआईए को इनामी नक्सली राजेश उरांव की तलाश थी। बता दे कि चंदवा में सब जोनल कमांडर नक्सली राजेश उरांव ने चार पुलिस कर्मियों की जान ले ली थी। राजेश उरांव के साथ एनआईए ने झारखंड के कई नामी नक्सलियों को फरार घोषित करने के साथ इन पर इनाम राशि की घोषणा की थी।

गुमला में नक्सलियों की नींव हुई कमजोर

पुलिस ने बताया कि गुमला के इस क्षेत्र में नक्सली कमांडर रंथु उरांव, लजीम अंसारी और राजेश उरांव तीनों साथ मिलकर यहां नक्सली एक्टिविटी चलाते थे और कमान संभाले हुए थे। लातेहार में यह तीनों नक्सली कई सालों से यहां एक्टिव थे। इनका संगठन लगातार मजबूत हो जा रहा था। लेकिन नक्सल सफाए के चलते पुलिस की मूवमेंट लगातार बढ़ रहा था पर अपनी चालाकी के चलते यह हर बार पुलिस के चुंगल से बच जाता था। साथ ही मोबाइल भी उपयोग नहीं करता था जिसके कारण लोकेशन नहीं ट्रेस हो पाती थी। पर आखिरकार गुरुवार के दिन एनकाउंटर में ढेर हो गया।

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