सार

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से 43 विधायकों को लेकर फ्लाइट हैदराबाद जाने वाली थी लेकिन विमान टेक ऑफ नहीं कर सका। फ्लाइट कैंसिल होने के बाद विधायकों को वापस ले जाया गया।

Jharkhand Political Crisis: झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा व अन्य सहयोगी दलों कांग्रेस-राजद के विधायकों को तेलंगाना भेजने के मंसूबों पर पानी फिर चुका है। खराब मौसम की वजह से रांची से हैदराबाद फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया है। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची से 43 विधायकों को लेकर फ्लाइट हैदराबाद जाने वाली थी लेकिन विमान टेक ऑफ नहीं कर सका। फ्लाइट कैंसिल होने के बाद विधायकों को वापस ले जाया गया। कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि फ्लाइट कैंसिल नहीं हुई है बल्कि इसे री-शेड्यूल किया गया है।

गुरुवार को रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद व कांग्रेस के 43 विधायकों को तेलंगाना भेजने के लिए लाया गया। लेकिन खराब मौसम के कारण फ्लाइट को रद्द कर दिया गया। रांची से सभी फ्लाइट्स कैंसिल होने के बाद विधायक वापस लौट गए।

चंपई की शपथ में देरी के बाद तेलंगाना भेजा जा रहा

दरअसल, गुरुवार को नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। वह अभी तक सरकार बनाने के लिए भी आमंत्रित नहीं किए हैं। राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए हरी झंडी देने में देरी की वजह से जेएमएम नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को तेलंगाना शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। तेलंगाना कांग्रेस ने हैदराबाद में जेएमएम के 43 विधायकों के रहने की व्यवस्था की है।

बेगमपेट एयरपोर्ट पर दो वोल्वो बसें तैनात

हैदराबाद पहुंचने पर विधायकों के स्वागत की पहले से तैयारी थी। विधायकों को होटल तक पहुंचाने के लिए बेगमपेट हवाई अड्डे पर दो वोल्वो बसें तैनात की गई हैं। इसी बस से विधायकों को रामोजी फिल्म सिटी ले जाया जाएगा। हालांकि, फ्लाइट कैंसिल होने के बाद सारे इंतजाम होल्ड पर कर दिए गए हैं।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद क्या बोले चंपई सोरेन?

राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए जेएमएम गठबंधन के विधायक दल के नेता चुने गए चंपई सोरेन ने कहा कि हमने मांग की है कि सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। चंपई सोरेन ने बताया कि वर्तमान में हमने अपने समर्थन में 43 विधायकों के साथ रिपोर्ट सौंपी है। हमें उम्मीद है कि संख्या 46-47 तक पहुंच जाएगी इसलिए कोई समस्या नहीं है। हमारा 'गठबंधन' बहुत मजबूत है।

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