मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में उद्योग, निवेश और रोजगार का नया दौर शुरू हुआ है। पारदर्शी नीतियों, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ की सोच ने राज्य को निवेशकों का विश्वसनीय गंतव्य बनाया है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में अब विकास कोई वादा नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यह अनुभव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदृष्टि और निर्णायक नेतृत्व से संभव हुआ है। राज्य सरकार ने उद्योगों के लिए भरोसे, पारदर्शिता और नीति-सुधार का ऐसा वातावरण बनाया है, जहाँ हर निवेश अवसर में और हर विचार उद्योग में बदल रहा है। यही परिवर्तन आज ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ के रूप में पूरे देश का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025: एक नया औद्योगिक अध्याय
वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय केवल घोषणा नहीं, बल्कि राज्य की औद्योगिक नीति का सक्रिय अध्याय बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को औद्योगिक विकास के प्रमुख स्तंभ बनाया गया है। राज्य सरकार ने 18 नई औद्योगिक नीतियाँ तैयार की हैं, जो निवेश, नवाचार, रोजगार और सतत विकास को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं।
इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस से आगे: कॉन्फिडेंस ऑफ डूइंग बिजनेस
मध्यप्रदेश ने ‘Ease of Doing Business’ से आगे बढ़ते हुए ‘Confidence of Doing Business’ का नया युग शुरू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल से निवेश प्रक्रिया सरल, तेज़, भरोसेमंद और पारदर्शी बनी है। अब हर निवेशक महसूस कर रहा है कि मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करना सुविधा से आगे बढ़कर एक सुरक्षित निर्णय है।
इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी 2025 इसी दृष्टि का परिणाम है-
- पूंजीगत निवेश पर 40% तक सहायता
- रोजगार और निर्यात आधारित प्रोत्साहन
- एफडीआई को बढ़ावा देने वाले प्रावधान
इनसे यह नीति निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बनी है। गार्मेंट्स, फुटवियर और टॉय उद्योगों में रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर बढ़े हैं, जबकि फार्मा, बायोटेक्नोलॉजी और मेडिकल डिवाइस सेक्टर में अनुसंधान व गुणवत्ता विकास के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं।
आधुनिक औद्योगिक बुनियादी ढाँचा: नई दिशा, नया आत्मविश्वास
राज्य सरकार ने औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा दी है। स्मार्ट औद्योगिक पार्क, आधुनिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क और क्लस्टर आधारित औद्योगिक क्षेत्रों ने निवेशकों को गति और सुविधा दी है। नई औद्योगिक टाउनशिप्स, इंटरकनेक्टेड ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और बिजली की निर्बाध आपूर्ति से उद्योगों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हुआ है।
अब औद्योगिक निवेश केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि छोटे और मध्यम नगरों तक फैल रहा है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन स्थापित हो रहा है। जनविश्वास अधिनियम, स्टार्ट योर बिजनेस इन 30 डेज योजना, GIS आधारित भूमि आवंटन प्रणाली और एमपी इन्वेस्ट पोर्टल ने औद्योगिक प्रक्रियाओं को गति दी है। अब सभी अनुमतियाँ और सेवाएँ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जिससे निवेश प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध बनी है।
उद्योग से रोजगार और नवाचार का नया युग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सोच उद्योग को केवल उत्पादन तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उसे रोजगार, नवाचार और सामाजिक उत्थान का माध्यम बनाती है। भूमि, ऊर्जा, जल और कच्चे माल की सुलभता के साथ अनुसंधान और तकनीकी प्रोत्साहन ने राज्य की औद्योगिक पहचान को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। राज्य सरकार स्किल डेवलपमेंट और इंडस्ट्री कनेक्ट को प्राथमिकता दे रही है, जिससे स्थानीय युवाओं को उद्योगों से सीधे जोड़ने की प्रक्रिया और मज़बूत हो रही है। उज्जैन, इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहर इस औद्योगिक परिवर्तन के जीवंत उदाहरण बन चुके हैं।
अभ्युदय मध्यप्रदेश की ओर बढ़ता आत्मविश्वास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश उद्योग और निवेश का वह केंद्र बन रहा है, जहाँ विकास स्थायी है और अवसर अनंत। ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि उस आत्मविश्वास का प्रतीक है जिसने राज्य को उद्योग, रोजगार और निवेश की नई परिभाषा दी है। यह वही यात्रा है जहाँ नीति संकल्प में बदलती है और संकल्प परिणामों में।
