Atmanirbhar Bharat: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान में प्रदेशवासियों को प्रेरित किया। स्वदेशी अपनाएँ, स्थानीय उद्योग और कारीगरों का समर्थन करें और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान को संबोधित करते हुए प्रदेशवासियों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पाद अपनाएं और स्थानीय उद्योगों का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत विश्व के महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्रों में उभर रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमारे रोजमर्रा के छोटे-छोटे फैसले भी देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान कर सकते हैं। जैसे अपने घर में, बाजार में और कार्यस्थल पर भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देना, आयातित वस्तुओं की जगह देसी विकल्प अपनाना और किसानों व कारीगरों का समर्थन करना।

स्वदेशी अपनाने से क्या बदल सकता है हमारी अर्थव्यवस्था?
डॉ. यादव ने बताया कि भारत में ऐतिहासिक रूप से व्यापार और उद्योग समृद्ध रहे हैं। अनुशासित जीवन और “जियो और जीने दो” के विचार से समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे काम सफल होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की कठोर नीतियां और लाइसेंस कोटा ने आर्थिक ढांचे को प्रभावित किया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत की ताकत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर साबित किया। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से व्यापारियों और आम जनता के लिए सरल, पारदर्शी और आसान नियम लागू हुए हैं।
राज्य सरकार कैसे करेगी आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य पूरा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उद्योग और निवेश को बढ़ावा दे रही है ताकि स्थानीय उत्पादों और स्वदेशी व्यवसायों को बल मिले। उन्होंने आगामी त्यौहारों में जनता को प्रेरित किया कि वे जितना हो सके स्वदेशी सामग्री का उपयोग करें।

इसके अलावा, उपस्थित लोगों को स्वदेशी अपनाने की शपथ दिलाई गई। इसमें शामिल हैं:
- अपने दैनिक जीवन में अधिकतम भारतीय उत्पादों का उपयोग
- आयातित वस्तुओं की जगह देसी विकल्प अपनाना
- घर, काम और समाज में भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देना
- गांव, किसान और कारीगर का समर्थन कर स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देना
- पर्यावरण के प्रति सजग रहकर प्रकृति-अनुकूल उत्पादों का प्रयोग करना
क्या युवा और बच्चे भी इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं?
डॉ. यादव ने विशेष रूप से युवा और बच्चों से अपील की कि वे स्वदेशी अपनाएं, भारतीय भाषाओं का प्रयोग करें, और देश के पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता दें। उनका कहना था कि नई पीढ़ी ही देश के आत्मनिर्भर भविष्य की चाबी है।
