Coldrif cough syrup: मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार डॉ प्रवीण सोनी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने 10% कमिशन के चलते कोल्ड्रिफ कफ सिरप बच्चों को दिया।
MP cough syrup deaths: डॉक्टर को अक्सर धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है, लेकिन कुछ डॉक्टर पैसे की लालच में हैवान जैसा काम करने से नहीं कतराते। मध्य प्रदेश से ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां पिछले दिनों कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हुई। मध्य प्रदेश पुलिस ने जिला अदालत को बताया कि गिरफ्तार डॉक्टर प्रवीण सोनी ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखने के लिए कंपनी से 10% कमीशन लेने की बात स्वीकार की है। इसी कफ सिरप के चलते कई बच्चों की मौत हुई। खौफनाक बात यह है कि डॉक्टर को पता था कि यह कफ सिरप बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है, इसके बाद भी उन्होंने कमिशन के लालच में इसे लिखना जारी रखा।
कोर्ट ने डॉ. प्रवीण सोनी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि डॉक्टर ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखने के लिए उसे बनाने वाली दवा कंपनी से 10% कमीशन लेने की बात स्वीकार की है। पुलिस के अनुसार डॉ सोनी और कुछ और डॉक्टरों ने यह देखने के बाद भी कि जिन बच्चों ने यह सिरप पीया था उन्हें यूरिन पास करने में गंभीर परेशानी हुई। उन्हें किडनी से जुड़ी परेशानी हुई। इसके बाद भी उन्होंने कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखना जारी रखा। बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो रहे थे, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें जहरीली दवा देना जारी रखा।
डॉक्टर के 10% कमीशन का निकला खतरनाक नतीजा
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान डॉक्टर ने दवा के प्रचार के लिए कंपनी से 10% कमीशन लेने की बात कबूल की। पुलिस ने कोर्ट को बताया गया कि कोल्ड्रिफ दवा दिए जाने के बाद कम से कम सात बच्चों की मौत हुई। छह अन्य बच्चों का नागपुर के एक अस्पताल में किडनी फेल होने का इलाज चल रहा है।
जांच से पता चला कि डॉ सोनी ने 24 अगस्त से 4 अक्टूबर के बीच 7 साल से कम उम्र के कई बच्चों को कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखा, जबकि वह जानते थे कि यह दवा इतने कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पहली बच्ची की मौत 29 अगस्त को हुई थी। खांसी के लिए कोल्ड्रिफ दिए जाने के बाद 4 साल की बच्ची ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद 3 साल की एक और बच्ची की मौत 5 सितंबर को हुई। उसका पेशाब बंद हो गया था और उसके किडनी फेल हो गए थे।
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4 साल से कम के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए कोल्ड्रिफ जैसी दवा
कोर्ट ने 8 अक्टूबर के अपने आदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 2023 के दिशानिर्देशों का हवाला दिया। इसमें चेतावनी दी गई थी कि कोल्ड्रिफ जैसी फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाएं 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। कोर्ट ने पाया कि इन निर्देशों के बावजूद डॉ. सोनी बच्चों को सिरप लिखते रहे।
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