भावांतर योजना से मध्यप्रदेश के किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। देपालपुर और उज्जैन में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताया। सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए सरकार की यह योजना 24 अक्टूबर से प्रभावशील होगी।

मध्यप्रदेश के किसानों के चेहरों पर इन दिनों खुशियां लौट आई हैं। वजह है सरकार की भावांतर योजना, जिसने किसानों को आर्थिक राहत की नई उम्मीद दी है। इस योजना के तहत मिलने वाली राशि ने न सिर्फ किसानों की परेशानियां कम की हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। शनिवार को इंदौर के देपालपुर और उज्जैन में किसानों ने जबरदस्त ट्रैक्टर रैली निकालकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार जताया। सैकड़ों ट्रैक्टरों का काफिला जब खेतों से निकलकर शहर की सड़कों पर उतरा तो माहौल उत्सव जैसा बन गया।

किसानों का जोश और सरकार पर विश्वास

देपालपुर के किसानों ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने त्योहारी सीजन से ठीक पहले जो आर्थिक मदद दी है, वह उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं। रैली में किसानों ने पोस्टरों और बैनरों के माध्यम से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार ने उनकी मदद कर यह साबित किया है कि प्रदेश का अन्नदाता कभी अकेला नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी श्योपुर जिले से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों से संवाद किया और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।

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उज्जैन में भी दिखा जोश, सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

उज्जैन में ट्रैक्टर रैली कृषि उपज मंडी से शुरू होकर आगर रोड, चामुंडा माता चौराहा, फ्रीगंज ओवरब्रिज और तीन बत्ती चौराहा होते हुए दशहरा मैदान तक पहुंची। पूरे रास्ते किसान “जय किसान - जय मध्यप्रदेश सरकार” के नारे लगाते रहे। ट्रैक्टरों पर लगे बैनरों में लिखा था - “सीएम यादव ने दिया भावांतर का सहारा, अब नहीं रहेगा किसान बेचारा”।

किसानों की समृद्धि ही प्रदेश की प्रगति

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि “किसानों की समृद्धि ही प्रदेश की प्रगति का आधार है।” इसी भावना से प्रदेश सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की है। योजना के तहत यदि किसान अपनी फसल मंडी में एमएसपी से कम मूल्य पर बेचते हैं, तो सरकार इस घाटे की भरपाई करेगी।

योजना की प्रक्रिया और तारीखें

राज्य सरकार ने किसानों के हित में तेजी से काम शुरू कर दिया है।

  • पंजीयन प्रारंभ: 3 अक्टूबर से
  • पंजीयन की अंतिम तिथि: 17 अक्टूबर
  • योजना प्रभावी तिथि: 24 अक्टूबर से

ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन करवाने वाले किसान यदि अपनी फसल एमएसपी से कम मूल्य पर बेचते हैं, तो सरकार सीधे उनके खाते में अंतर की राशि जमा करेगी।

किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध सरकार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में कहा था कि “सरकार का लक्ष्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है ताकि कोई भी किसान अपनी मेहनत का सही मूल्य पा सके।” भावांतर योजना इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है, जो न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा।

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