Bhopal Metro Trial Run: क्या भोपाल की मेट्रो दौड़ेगी तय वक्त पर? CM मोहन यादव ने किया ट्रायल रन, वादा किया अक्टूबर तक सुभाष नगर से AIIMS तक दौड़ेगी मेट्रो, लेकिन RDSO और CMRS की हरी झंडी बाकी…इंतज़ार अभी बाकी है या सपना साकार?

Bhopal Metro AIIMS Corridor : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो सेवा की शुरुआत एक नए युग की दस्तक है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में मेट्रो का ट्रायल रन करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की-"अक्टूबर 2025 तक सुभाष नगर से AIIMS तक का कॉरिडोर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।" इस घोषणा ने न केवल राजधानी के विकास को रफ्तार दी है बल्कि लोगों की उम्मीदों को भी नए पंख दिए हैं।

भोपाल की मेट्रो यात्रा: अभी बाकी हैं ये ज़रूरी पड़ाव

भोपालवासियों के लिए ये खबर किसी सपने के सच होने जैसी है। मुख्यमंत्री ने ट्रायल रन के दौरान मेट्रो के प्रत्येक स्टेशन, रूट और यात्री सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि "RDSO (Research Design and Standards Organisation) की तकनीकी जांच और फिर CMRS (Commissioner of Metro Rail Safety) की हरी झंडी के बाद ही सेवा आम लोगों के लिए शुरू की जाएगी।"

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सुभाष नगर से AIIMS: सफर होगा सुहाना और स्मार्ट 

मेट्रो रूट का पहला चरण लगभग तैयार है और इसमें हाईटेक ऑटोमेटेड कंट्रोल, अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर और किफायती टिकटिंग सिस्टम शामिल होगा। सुभाष नगर से AIIMS तक की यह मेट्रो लाइन शहर के दो प्रमुख बिंदुओं को जोड़ेगी-जहां एक ओर व्यस्त बाजार क्षेत्र है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य और शिक्षा का बड़ा हब।

जनता में उत्साह, लेकिन क्या तय समय पर दौड़ेगी मेट्रो? 

हालांकि सरकार ने अक्टूबर की डेडलाइन तय की है, लेकिन कुछ लोग इसे लेकर शंका भी जता रहे हैं कि क्या सभी तकनीकी परीक्षण, सुरक्षा अनुमति और स्टेशन कार्य समय रहते पूरे हो पाएंगे? फिर भी, अब तक की तैयारियों को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि यह परियोजना निर्धारित समय में पूरी होगी।

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भोपाल स्मार्ट सिटी का सपना अब हकीकत के करीब 

मेट्रो परियोजना को राजधानी की स्मार्ट सिटी योजना की रीढ़ माना जा रहा है। यातायात जाम, प्रदूषण और यात्रा में लगने वाले समय की समस्या से जूझ रहे शहरवासियों के लिए यह मेट्रो सेवा एक गेम चेंजर साबित हो सकती है।

क्या सच में बदलेगा भोपाल का सफर?

भोपाल मेट्रो न केवल एक परिवहन परियोजना है, बल्कि यह एक उम्मीद, एक प्रगति और एक बेहतर कल की कहानी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस घोषणा ने मेट्रो के सपने को धरातल पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब सबकी निगाहें अक्टूबर पर टिकी हैं।