Coldrif Cough Syrup : तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले की श्रीसन फार्मा कंपनी के 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' (Coldrif Cough Syrup) की वजह से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल में 16 बच्चों की मौत हो गई। लोग इस कंपनी क मालिक को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।
Coldrife Cough Syrup Controversy : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिले में 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' (Coldrif Cough Syrup) पीने से 16 बच्चों की मौत के मामले पर सियासत गरमा गई है। विपक्षी नेता और सोशल मीडिया यूजर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट्स करते एक्स पर लिखा-'जिस डॉक्टर ने कफ सिरप दवा लिखी वो गिरफ्तार, जिसने दवा पिलाई वो गिरफ्तार हो जाएगा, जिसने दवा देखी वो गिरफ्तार हो जाएगा, जिसने दवा का नाम सुना वो गिरफ्तार हो जाएगा। नहीं गिरफ्तार होगा तो दवा बनाने वाली कंपनी का मालिक, दवा के फार्मूले को टेस्ट करने वाले, लाइसेंस देने वाले अधिकारी'। तो आइए जानते हैं कौन हैं श्रीसन फार्मा कंपनी के मालिक...
कौन हैं श्रीसन फार्मा कंपनी के मालिक?
जिस कप सिरप के पीने से मध्य प्रदेश में 16 बच्चों की जान गई है, वह कंपनी तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है। इस कंपनी का पूरा नाम श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स है। जिसने कोल्डरिफ सिरप का निर्माण किया है जिसकी वजह से कई माओं की गोद सूनी हो गई। इस कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन, रंगनाथन गोविंदराजन, रंगनाथन रानी और गोविंदन बाला सुब्रमण्यन हैं।
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1990 में हुई थी श्रीसन फार्मा कंपनी की स्थापना
श्रीसन फार्मा कंपनी की स्थापना 1990 में हुई थी। यह कंपनी फार्मास्यूटिकल्स, औषधीय रसायन और वनस्पति उत्पाद बनाती है। बताया जाता है कि एमसीए के दस्तावेजो के मुताबिक, इस कंपनी को रजिस्ट्रर से हटा दिया गया था। आमतौर पर, कंपनियों का रजिस्ट्रर से तब नाम हटा दिया जाता है जब वे नियमित रूप से रेगूलेटरी फाइल जमा नहीं करतीं। लेकिन सवाल यह है कि यह कैसे क रेगुलर काम कर रही थी।
MP सरकार ने श्रीसन फार्मा कंपनी पर की क्या कारवाई?
मध्य प्रदेश सरकार ने कप सिरप समेत श्रीसन फार्मा कंपनी की अन्य दवाओं पर राज्य में बैन लगा दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले की जांच के लिए एक कमेठी गठन कर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं दवा लिखने वाले सरकारी डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ परासिया में एपआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही इस दवा से जो बच्चे बीमार हुए हैं उनके इलाजा का खर्चा भी प्रदेश सरकार उठाएगी। इसके अलावा मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि का ऐलान भी किया गया है।
