Coldrif Cough Syrup Banned in MP : छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप से हुई 10 बच्चों की मौत के बाद डॉ. महोन यादव सरकार ने बड़ा एक्शन लेते कफ सिरप पर ही बैन लगा दिया है। इसके अलावा इस कंपनी के कोई भी अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर एमपी में रोक लगाई गई है।
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है। छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत के बाद आज प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने शनिवार को कोल्ड्रिफ (Coldrif) सिरप बेचने पर बैन लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि जो कोई भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बता दें कि तमिलनाडु सरकार पहले ही इस सिरप पर रोक लगा चुकी है।
कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन
मुख्यमंत्री सिरप पर रोक लगाते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा-छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
तमिलनाडु सरकार की जांच के बाद एमपी में लगा बैन
सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
छिंदवाड़ा में पहले से ही सिरप बैन
बता दें कि लगातार सिरप पीने से हो रहीं मौतों के बाद छिंदवाड़ा प्रशासन एक्शन में आया और स्थानीय स्तर पर प्रशासन ने पहले ही Coldrif और Nextro-DS सिरप पर जिला-व्यापी प्रतिबंध लगा दिया था। अब राज्य स्तर पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। जो इसकी असली वजह और गुनाहगारों का पता लगाएगी।
छिंदवाड़ा में कप सिरप से 24 अगस्त को पहली मौत
एमपी के छिंदवाड़ा में कप सिरप पीने से 10 बच्चों की मौत हुई। पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था। पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी। इसके बाद 15 दिन में किडनी फेल होने से एक-एक कर 6 बच्चों की मौत हो गई। इनकी किडनी के स्वैब सैंपल लिए गए। इसकी जांच में डायएथिलीन ग्लाइकॉल दूषित पाया गया। वहीं इस मामले में छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और शिशु रोग विशेषज्ञ पवन नांदुलकर ने बताया कि एक कफ सिरप 80% बच्चों में कॉमन है। प्रारंभिक जांच में कफ सिरप में गड़बड़ी की ही बात सामने आ रही है। इसलिए लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है।
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