सार
ब्यावर. राजस्थान के ब्यावर जिले के बदनोर क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके और सोशल मीडिया पर चर्चा को जन्म दिया है। यहां एक पिता ने अपनी जीवित बेटी के लिए शोक पत्रिका छपवा दी, जिसमें 11 दिसंबर को उठावना होने की बात लिखी गई। यह शोक पत्रिका चर्चा का विषय बना हुई है।
पिता चाहते थे बेटी टीचर बने, लेकिन वो इश्क कर बैठी
मामला उस समय शुरू हुआ जब लड़की ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ एक गैर समाज के लड़के से विवाह कर लिया। लड़की के पिता, जो पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं, ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को बड़े प्यार और उम्मीदों के साथ पढ़ाया था। वह बीए की डिग्री पूरी कर चुकी थी और बीएड की पढ़ाई कर रही थी। पिता का सपना था कि बेटी एक दिन अध्यापक बने और उनका नाम रोशन करे। लेकिन बेटी ने परिवार की इच्छाओं को नकारते हुए प्रेम विवाह का फैसला लिया, जिससे माता-पिता को गहरा सदमा पहुंचा।
जिंदा बेटी को मरा मानकर बांट दिए तेरहंवी के कार्ड
घटना के बाद, माता-पिता ने बेटी को समझाने और घर वापस लाने के कई प्रयास किए। उन्होंने पुलिस की मदद भी ली, लेकिन लड़की ने अपने माता-पिता से मिलने से इनकार कर दिया। यहां तक कि उसने उन्हें पहचानने से भी मना कर दिया। इस घटना ने माता-पिता को इतना आहत किया कि उन्होंने बेटी को सामाजिक रूप से मृत मानते हुए शोक पत्रिका छपवा दी। शोक पत्रिका में बेटी के नाम के साथ लिखा गया कि उसका उठावना 11 दिसंबर को होगा। इस पत्रिका के सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कुछ लोग पिता के कदम को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे बेटी की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन मान रहे हैं।