Garba Mahotsava 2025 : भोपाल में गरबा उत्सव में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर श्रीकृष्ण सेवा समिति ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए गजब का फार्मूला अपनाया है। सभी लोगों को प्रवेश से पहले गोमूत्र और गंगाजल का आचमन कराया जाएगा।
Navratri Garba 2025 : पूरे देशभर में नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं देवी मां की भक्ति-आराधान और उपासना का प्रतीक गरबा महोत्सव का आगाज भी हो चुका है। अहमदाबाद से लेकर जयपुर भोपाल से दिल्ली तक गरबा की धूम है। इसी बीच भोपाल के अवधपुरी इलाके में श्री कृष्ण सेवा समिति ने गरबा में एंट्री करने के लिए गेट पर गोमूत्र और गंगाजल रखा है, जो इसका आचमन करेगा वही अंदर जा सकेगा। तो आइए जानते हैं, ऐसा क्यों किया...
गरबे में गैर-हिंदुओं की नो एंट्री
दरअसल, भोपाल में गरबा उत्सव में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर तमाम सनातनी संगठन सख्त रुख हो गए हैं। इसी को लेकर श्रीकृष्ण सेवा समिति ने गरबा पंडाल में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर चेतावनी जारी करते हुए गरबा में दूसरे समुदाय की एंट्री नहीं हो इसलिए यह फार्मूला अपनाया है। सभी लोगों को प्रवेश से पहले गोमूत्र और गंगाजल का आचमन कराया जाएगा। इसके बाद उनके हाथ पर कलावा बांधा जा रहा है। साथ ही जय सियाराम के नारे लगवाए जा रहे हैं। जो कोई ऐसा नहीं करता है तो उसको एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके अलावा आधार कार्ड भी देखा जाएगा।
सांसद आलोक शर्मा बोले-अब बर्दाश्त नहीं होगा
वहीं इस मामले में भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि नवरात्रि केवल हिंदुओं और सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए है। लेकिन गैर-हिंदू वादी लोग हमारी महिलाओं को लुभाने के लिए कलावा और तिलक का इस्तेमाल कर गरबा में प्रवेश कर सकते हैं। राज्य सरकार ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कही बड़ी बात
श्रीकृष्ण सेवा समिति ने गरबा एंट्री को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है उसकी हर तरफ चर्चा है। वहीं गरबा देखने आए लोगों ने गंगाजल और गोमूत्र को पवित्र बताते हुए इसकी सराहना की है। वहीं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- -जैसे हिंदू समुदाय हज यात्रा में भाग नहीं लेता, वैसे ही मुस्लिमों को गरबा में नहीं आना चाहिए।
