MP के नर्मदापुरम के सिवनी मालवा में पोते की चाहत में दादी ने अपनी 4 महीने की पोती कृतिका की गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को बोरी में बांधकर कुएं में फेंका और कहा ‘पीरियड्स के कपड़े हैं’। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सच उजागर किया।
Narmadapuram Granddaughter Murder Case: नर्मदापुरम (मध्यप्रदेश) से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। बरखेड़ी गांव में एक दादी ने अपनी ही चार महीने की पोती की गला घोंटकर हत्या कर दी। वजह सिर्फ इतनी थी कि वह पोते की चाहत में दूसरी पोती के जन्म से नाखुश थी। आरोपी मीनाबाई ने बच्ची को मारकर बोरी में बांध दिया और पास के सूखे कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
आखिर क्यों पोते की चाहत ने ले ली मासूम की जान?
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी दादी मीनाबाई घर में अक्सर पोते की कमी को लेकर नाराज रहती थी। पहले से एक बेटी थी और दूसरी बच्ची के जन्म के बाद उसकी नाराजगी और बढ़ गई। इसी नाराजगी ने उसे ऐसा खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
कैसे हुआ खौफनाक खेल?
घटना के दिन बच्ची आंगन में झूले पर सो रही थी और मां मीरा घर के पीछे बर्तन धो रही थी। तभी दादी ने बच्ची के मुंह में तौलिया ठूंस दिया जिससे उसकी दम घुटकर मौत हो गई। इसके बाद शव को बोरी में बांधकर पास के सूखे कुएं में फेंक दिया।
बोरी में क्या था राज?
तीन दिन तक परिवार बच्ची की तलाश करता रहा। जब दादा निर्भय सिंह को कुएं में बोरी दिखी तो उन्होंने बाहर निकालने की कोशिश की। उस समय दादी ने रोकते हुए कहा-“उसमें पीरियड्स के कपड़े हैं।” लेकिन पुलिस ने जब बोरी खोली तो अंदर मासूम की लाश थी। यह नजारा देखकर गांव में मातम छा गया।
पोस्टमार्टम में क्या निकला सच?
डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम में पाया कि बच्ची के मुंह से 24 सेंटीमीटर लंबा तौलिया का टुकड़ा निकला और मौत का कारण दम घुटना बताया गया। पुलिस ने जब दादी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।
क्या समाज में आज भी बेटा-बेटी के बीच भेदभाव है?
इस घटना ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या आज भी समाज में बेटा-बेटी के बीच भेदभाव किया जाता है? क्या पोते की चाहत में मासूम बेटियों की बलि चढ़ाना इंसानियत है? पुलिस ने आरोपी दादी को गिरफ्तार कर लिया है और न्यायिक प्रक्रिया जारी है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि बेटा-बेटी का भेदभाव समाज को खोखला कर रहा है।
