सार

ग्वालियर में साइबर अपराधियों का ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा रैकेट उजागर, 16 आरोपी गिरफ्तार। जानें कैसे चल रहा था करोड़ों का धंधा और पुलिस ने कैसे किया बड़ा खुलासा।

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में साइबर अपराधियों ने महादेव एप की तर्ज पर 'श्रीराम बुक बी-साइट' बनाकर ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा का नेटवर्क खड़ा किया। पुलिस ने महलगांव की सरकारी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट्स में छापा मारकर 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

कॉफी शॉप चलाने वाला निकला गिरोह का मास्टरमाइंड 

गिरोह का सरगना अमन शर्मा, जो पहले कॉफी शॉप चलाता था, ने इस अवैध धंधे से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया। पुलिस जांच में पता चला कि अमन ने 45 बैंक अकाउंट्स में मात्र 30 दिनों में 6 करोड़ रुपए का लेन-देन किया है।

क्या मिला पुलिस को? 

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 45 बैंक पासबुक, 22 चेकबुक, 133 डेबिट कार्ड, 27 मोबाइल फोन, 4 आईफोन, एक लैपटॉप, नोट गिनने की मशीन, प्रिंटर, पिस्टल और कारतूस जब्त किए। बरामद सामान की कुल कीमत लगभग 10 लाख रुपए है।

कैसे चलता था सट्टा रैकेट? 

गिरोह के सदस्य ग्राहकों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर सट्टा खेलने के लिए बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने को कहते थे। ग्राहक को डिजिटल कॉइन दिए जाते थे, जिनसे वह सट्टा खेलता था। हार-जीत के बाद इन कॉइन्स को पैसों में बदल दिया जाता था।

500 से ज्यादा साइट्स का नेटवर्क 

अमन ने जून 2024 में दोस्तों के साथ मिलकर 5 लाख रुपए से इस धंधे की शुरुआत की। वह ग्वालियर के फ्लैट्स से 500 से ज्यादा ऑनलाइन बैटिंग साइट्स ऑपरेट कर रहा था।

 

युवाओं को रोजगार देकर बनाया रैकेट 

अमन ने 20-25 साल के बेरोजगार युवाओं को 20-25 हजार रुपए मासिक वेतन पर काम पर रखा। ये सभी युवक कंप्यूटर और सोशल मीडिया के जानकार थे।

पुलिस की अगली कार्रवाई 

पुलिस ने सभी आरोपियों को 2 दिन की रिमांड पर लिया है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। साथ ही, बैंक खातों की वैधता की जांच के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र लिखा गया है। 

 

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