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Father's Day से पहले मप्र की Heart Breaking तस्वीर: ड्राइवर बस से न उतार दे, इसलिए थैले में मासूम का शव रखकर घर ले गया पिता
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जबलपुर. 18 जून को फादर्स-डे(Father's Day-2023) मनाया जाएगा, लेकिन इससे पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बेहद शर्मनाक मामला मीडिया की सुर्खियों में है। यहां एम्बुलेंस नहीं मिलने पर एक पिता को अपने मासूम का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा। मामला जबलपुर मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अस्पताल मैनेजमेंट ने एम्बुलेंस देने से मना कर दिया था। पीड़ित परिवार डिंडोरी जिले के सहजपुरी का रहने वाला है।
सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी मरावी ने 13 जून को जिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन उसकी हालत बिगड़ती देख 13 जून को जबलपुर के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। यहां 15 जून को उसकी मौत हो गई।
जबलपुर के CMHO डॉ. संजय मिश्रा ने इस मामले में अलग की कहानी कही है। उनका कहना कि बच्चे का वजन कम था। उसे 6 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखन की बात कही थी, लेकिन मां-बाप उसे डिस्चार्ज ऑन रिक्वेस्ट(अपनी मर्जी से) करा ले गए। जब वे बच्चे को लेकर गए, तब वो जीवित था। गर्मी अधिक होने से आशंका है कि उसे डिहाईड्रेशन हुआ होगा।
बच्चे के पिता सुनील धुर्वे ने आरोप लगाया कि अस्पताल से उन्हें शव वाहन नहीं मिला। प्राइवेट एम्बुलेंस 4-5 हजार रुपए मांग रहे थे। इसलिए उसे थैले में रखकर जबलपुर से डिंडोरी वाली बस में बैठ गए।
सुनील धुर्वे ने यह भी कहा कि शव थैले में इसलिए रखा था, ताकि बस के ड्राइवर या कंडक्टर को पता न चले, वर्ना वे नीचे उतार देते।
जब सुनील डिंडोरी पहुंचे, तो अपने आंसू रोक नहीं पाए। इस बीच लोगों को इसकी खबर लगी, तो बस स्टैंड पर भीड़ जुट गई।
सुनील धुर्वे मजदूरी करते हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे शव ले जाने प्राइवेट व्हीकल कर पाते।
मामला तूल पकड़ने पर जबलपुर के CMHO डॉ. संजय मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। जो दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।