सार
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक छात्र मेधांश त्रिवेदी ने 80 किलो वजन वाले व्यक्ति को ले जाने वाला सिंगल सीट ड्रोन कॉप्टर बनाया है। इस ड्रोन की आनंद महिंद्रा समेत कई लोगों ने तारीफ की है।
आसमान में उड़ते हुए कई ड्रोन आपने देखे होंगे? शादियों और दूसरे समारोहों में हवा में उड़कर खूबसूरत नज़ारे कैद करते ड्रोन तो आम हैं। इसके अलावा हथियार और ज़रूरी दवाइयाँ पहुँचाने वाले ड्रोन, देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले ड्रोन भी आपने देखे होंगे। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा ड्रोन देखा है जिसमें लोग बैठकर सफ़र कर सकें? अब तक तो नहीं, लेकिन अब एक छात्र ने इसे भी ईजाद कर दिया है। यह ड्रोन लगभग 80 किलो वजन वाले व्यक्ति को तकरीबन 6 मिनट तक हवा में उड़ा सकता है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक छात्र द्वारा बनाए गए इस मानव-वाहक ड्रोन की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। महिंद्रा ग्रुप के प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने खुद इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है और हाई स्कूल के छात्र की इस उपलब्धि की सराहना की है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के छात्र मेधांश त्रिवेदी ने पूरी तरह से अपने आइडिया से सिंगल सीट वाला ड्रोन कॉप्टर तैयार किया है। इस ड्रोन को बनाने में मेधांश ने तीन महीने की मेहनत की है। इसमें 80 किलो वजन वाला व्यक्ति 6 मिनट तक सफ़र कर सकता है। हाई स्कूल के छात्र के इस काम की उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने खूब तारीफ की है। उन्होंने लिखा है कि ऐसी मशीन बनाने की जानकारी इंटरनेट पर आसानी से मिल जाती है, इसलिए यह कोई नया आविष्कार नहीं है, लेकिन यह इंजीनियरिंग के जुनून और काम को पूरा करने की लगन को दर्शाता है। हमारे देश में जितने ज़्यादा ऐसे युवा होंगे, हमारा देश उतना ही ज़्यादा इनोवेटिव बनेगा।
इस वीडियो को देखकर नेटिज़न्स ने भी मेधांश त्रिवेदी की उपलब्धि की खूब सराहना की है। एक यूज़र ने लिखा कि रिसर्च का मतलब सिर्फ़ जानकारी नहीं, बल्कि अपने आइडिया को हकीकत में बदलने का जुनून और समर्पण भी है। जब युवा दिमाग इसी जुनून के साथ इंजीनियरिंग को अपनाते हैं, तो वे एक ज़्यादा रचनात्मक और प्रगतिशील देश की नींव रखते हैं। वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा कि नए आविष्कार के लिए सिर्फ़ ज्ञान ही काफ़ी नहीं होता, चीज़ों को मुमकिन बनाने के लिए जुनून और समर्पण भी ज़रूरी है।