Satna Emotional Viral News: सतना में एक पति ने अपनी पत्नी को तालाब में डूबने से बचाने के लिए जान दे दी। सातवें वचन को निभाते हुए उसने पत्नी को तो बचा लिया, लेकिन खुद की जान गंवा दी। इस बलिदान की कहानी पूरे गांव की आंखें नम कर गई।
Satna Husband Sacrifices Life: मध्य प्रदेश के सतना जिले से आई यह दिल दहला देने वाली घटना हर किसी को झकझोर देगी। एक पति ने शादी में लिया गया सातवां वचन-"सुख-दुख में साथ निभाने" को इतना गंभीरता से निभाया कि अपनी पत्नी की जान बचाने के बदले खुद की जान गंवा दी। Satna husband sacrifices life to save wife जैसे वर्ड आज सोशल मीडिया पर वायरल हैं और लोग इस दर्दनाक प्रेम कहानी से खुद को जोड़ रहे हैं।
आख़िर क्या हुआ उस सुबह तालाब किनारे?
सतना के ऊंचेहरा थाना क्षेत्र के परसमनिया गांव में राज बहादुर सिंह गोंड अपनी पत्नी अंजू के साथ तालाब में नहाने गया था। यह स्नान उनके मृत बच्चे की पारंपरिक रस्म का हिस्सा था। सब कुछ सामान्य था, लेकिन नियति ने कुछ और ही लिखा था। पत्नी अंजू अचानक फिसलकर गहरे पानी में गिर पड़ी। शोर मचने से पहले ही राज बहादुर ने बिना कुछ सोचे समझे तालाब में छलांग लगा दी। वह अपनी पत्नी को किसी तरह बाहर निकाल लाया, लेकिन खुद पानी की गहराई में फंसकर डूब गया।
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क्या ये बलिदान सच्चे प्रेम की परिभाषा है?
गांव वालों के मुताबिक, राज बहादुर एक शांत, ईमानदार और जिम्मेदार व्यक्ति था। किसी ने सोचा भी नहीं था कि वो ऐसा बड़ा बलिदान देगा। अब उसकी पत्नी अंजू गहरे सदमे में है-पहले बेटे की मौत और अब पति की। यह कहानी हर किसी की आंखें नम कर देती है।
क्या सिस्टम कर पाया मदद? या फिर एक और ज़िंदगी यूं ही चली गई?
राज बहादुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सवाल ये है कि क्या वक्त रहते कोई सुविधा या स्थानीय तैराक उसे बचा सकते थे? यह भी एक बहस का मुद्दा बनता जा रहा है। सतना की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि असली प्रेम त्याग और समर्पण में होता है, सिर्फ शब्दों में नहीं। एक पति जिसने बिना सोचे अपनी जान गंवा दी, वह आज सच्चे प्यार का प्रतीक बन गया है।
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