इंदौर को लगातार 8वीं बार भारत का सबसे साफ शहर होने का गौरव मिला है। 100% घरों से कचरा जमा करने से लेकर CCTV कैमरा से निगरानी तक, आइए वो 9 सबसे बड़ी वजह जानते हैं, जिनके चलते यह सफलता मिली है।
Indore Cleanest City of India: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर को लगातार आठवीं बार भारत के सबसे साफ शहर का खिताब मिला है। इंदौर ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शीर्ष स्थान बनाए रखा है। गुजरात के सूरत को दूसरा और नवी मुंबई को तीसरा स्थान मिला है। आइए वो 9 खास वजह जानते हैं, जिनके चलते इंदौर लगातार साफ-सफाई के मामले में टॉप पर है।
इन 9 वजहों से सफाई के मामले में टॉप पर है इंदौर
1- इंदौर में 100% घरों से लिया जाता है कचरा
शहरों में गंदगी की मुख्य वजह घरों और दूकानों से निकलने वाले कचरा को जहां-तहां फेंकना है। इंदौर ने इस समस्या का 100% समाधान निकाला है। यहां नगर निगम द्वारा घर-घर जाकर 100 फीसदी कचरा जमा किया जाता है। हर घर, दुकान और ऑफिस से कचरा लिया जाता है।
2- गीले और सूखे कचरे को स्रोत पर ही अलग करना
इंदौर में स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक किया गया है। लोगों को अपने घर या दुकानों पर ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे कचरे की रीसाइक्लिंग आसान होती है।
3- इंदौर में जमा किए गए सभी कचरे की होती है प्रोसेसिंग
इंदौर के पुराने कूड़े के ढेरों को खत्म कर दिया गया है। इसे जीरो लैंडफिल शहर बनने का लक्ष्य रखा गया है। नगर निगम द्वारा जुटाए गए सभी कचरे की प्रोसेसिंग होती है। गीले कचरे को खाद में बदल दिया जाता है या एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी संयंत्र में भेजा जाता है। वहीं, सूखे कचरे की रीसाइक्लिंग होती है।
4- कचरा मैनेज करने के लिए 3R मॉडल पर होता है काम
इंदौर में कचरा मैनेज करने के लिए 3 R (Reduce, Reuse, Recycle) मॉडल पर काम होता है। कोशिश की जाती है कि कम कचरा पैदा हो। सभी कचरे को जमा किया जाए और जहां तक संभव हो कचरे को रीसाइकल किया जाए।
5- सशक्त जन जागरूकता अभियान
इंदौर में सफाई को लेकर जमीनी स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इसमें नागरिक, स्कूल, धार्मिक नेता और स्थानीय प्रभावशाली लोग सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।
6- सख्त निगरानी और गलती करने पर सजा
इंदौर में गंदगी फैलाने को लेकर सख्त निगरानी रखी जाती है। कूड़ा-कचरा फैलाने वालों पर नजर रखने और उन्हें सजा देने के लिए हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यहां थूकने या खुले में कूड़ा फेंकने पर जुर्माना लगाया जाता है।
7- कचरा बीनने वालों को बनाया सफाई मित्र
इंदौर के सफाई कर्मचारियों (सफाई मित्रों) का विशाल समूह अच्छी तरह प्रशिक्षित है। कई पूर्व कचरा बीनने वालों को औपचारिक कर्मचारियों के रूप में इस प्रणाली में शामिल किया गया है।
8- इंदौर में पूरे कचरे का होता है उपचार
इंदौर में कचरा मैनेज करने के लिए ट्रांसफर स्टेशनों और सेंट्रल प्रोसेसिंग प्लांट्स का बड़ा नेटवर्क काम करता है। गीले और सूखे दोनों प्रकार के कचरे का पूर्ण उपचार किया जाता है। इससे निकलने वाले पदार्थों का इस्तेमाल बगीचों, निर्माण और खाद उत्पादन में किया जाता है।
9- इंदौर में नाले के पानी का भी होता है ट्रीटमेंट
इंदौर ने नाले के गंदे पानी को भी बिना ट्रीटमेंट नदी या दूसरे जल स्रोतों में गिरने नहीं दिया जाता। इसके लिए बड़े-बड़े सीवेज ट्रीटमेंट फैसिलिटी काम करते हैं।
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