कूनो नेशनल पार्क में अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने मादा चीता वीरा और दो शावकों को खुले जंगल में छोड़ा। अब यहां 19 चीते खुले जंगल में हैं। पर्यटन और रोजगार बढ़ा है और चीतों ने भारतीय माहौल को पूरी तरह अपना लिया है।

CM Mohan Yadav Release Cheetah: मध्यप्रदेश के लिए 4 दिसंबर का दिन खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ‘वीरा’ और उसके 10 महीने के दो शावकों को बड़े बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़ा। इसके साथ ही कूनो के खुले जंगल में अब कुल 19 चीते हो गए हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कूनो नेशनल पार्क के कैलेंडर 2026 और ‘फील्ड मैन्युअल फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज़’ का विमोचन भी किया। साथ ही पार्क में सोवेनियर शॉप का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला, सीएस अनुराग जैन और एसीएस अशोक वर्णवाल भी मौजूद थे।

सीएम बोले—चीते हमारे लिए कोहिनूर, श्योपुर बना अंतरराष्ट्रीय केंद्र

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि एशिया महाद्वीप में चीतों के पुनर्स्थापन का अभियान लगातार आगे बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज मादा चीता और उसके दो शावकों को जंगल में छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में फिलहाल 32 चीते हैं, जिनमें से 3 गांधी सागर अभयारण्य में हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्योपुर अब चीतों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि कूनो में तीसरी पीढ़ी के शावक भी मौजूद हैं। चीता मुखी राज्य में ही पैदा हुई थी और उसके पांच शावकों की जानकारी बेहद सुखद है।

उन्होंने कहा कि चीतों के साथ यहाँ के नागरिक भी अब उनके माहौल में ढल चुके हैं, जो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को दर्शाता है। टाइगर और लेपर्ड के साथ-साथ मध्यप्रदेश कई वन्य जीवों का आश्रय स्थल बन चुका है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यहां पर्यटन पांच गुना बढ़ गया है, जिससे रोजगार के कई अवसर पैदा हुए हैं। इसके अलावा यह भी खास है कि कूनो का चीता अब राजस्थान तक दौड़ लगाता दिखाई देता है। उन्होंने कहा—"चीता हमारे लिए कोहिनूर की तरह है।"

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रोजेक्ट चीता को ‘इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवॉर्ड’ भी मिला है।

चीतों ने भारतीय वातावरण अपनाया, 5 मादाओं ने 6 बार दिए शावक

विशेषज्ञ बताते हैं कि चीतों ने भारतीय माहौल को पूरी तरह अपना लिया है। पिछले तीन वर्षों में 5 मादा चीतों ने 6 बार शावकों को जन्म दिया, जो इस प्रोजेक्ट की सफलता का बड़ा संकेत है। चीतों ने यहां न सिर्फ खुद को सुरक्षित महसूस किया, बल्कि अपना परिवार भी बढ़ाया है।

चीतों की सुरक्षा के लिए रेडियो-ट्रेकिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है और फील्ड टीमें लगातार निगरानी में लगी हुई हैं।

कूनो में टूरिज्म बढ़ा, ईको-टूरिज्म के नए अवसर

कार्यक्रम कूनो नेशनल पार्क के परोंड वन क्षेत्र में हुआ, जो विशेष टूरिज्म ज़ोन है। यहां चीता परिवार की मौजूदगी से ईको-टूरिज्म बढ़ने की उम्मीद है और आम लोगों में चीतों के प्रति रुचि और भागीदारी बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में दी थी चीता प्रोजेक्ट की सौगात

चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन पर कूनो में 8 चीतों को छोड़कर की थी। ये चीते नामीबिया से लाए गए थे। वर्तमान में कूनो और गांधी सागर अभयारण्यों में कुल 32 चीते मौजूद हैं।