सार

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव में खर्च की जाने वाली राशि सीमा निर्धारित कर दी है। अगर कोई इस सीमा से अधिक खर्च करता है। तो उसके खिलाफ निर्वाचन आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।

भोपाल. भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के लिए लोकसभा चुनाव में खर्च की राशि तय कर दी है। जिसके तहत प्रत्येक प्रत्याशी चुनाव प्रचार में 95 लाख रुपए तक खर्च कर सकता है। इससे अधिक खर्च करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हो सकता है उसे चुनाव के अयोग्य भी घोषित किया जा सके। इसलिये सभी प्रत्याशियों को निर्धारित राशि से अधिक खर्च नहीं करने की चेतावनी दी गई है।

95 लाख रुपए तक व्यय कर सकेंगे अभ्यर्थी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अभ्यर्थी के लिए चुनाव प्रचार व्यय की सीमा 95 लाख रूपये निर्धारित की गई है। इसके लिये अभ्यर्थी को बैंक में एक पृथक खाता खोलना आवश्यक है। राजन ने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी से प्राप्त निर्वाचन व्यय रजिस्टर में सभी दैनिक व्यय लेखा का रख रखाव करना होगा। सभी पोस्टर, बैनर, पम्प्लेट, हैण्डबिल, चाहे वे नाम निर्देशन के पहले मुद्रित/प्रकाशित किए गए हो, परंतु नाम निर्देशन के बाद उपयोग प्रदर्शित किए जा रहे हों, यह सभी अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जुड़ेंगे।

रैली में शामिल वाहनों का जुड़ेगा खर्च

उन्होंने बताया कि रैली आयोजन के लिए किराये भाड़े पर लिए गए व्यावसायिक वाहनों के लिए सभी खर्च प्रचार व्यय लेखे में शामिल किया जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा भाग ली गई किसी रैली, प्रदर्शित फोटो, मंच साझा करने आदि पर किये गये सभी व्यय भी अभ्यर्थी के चुनाव प्रचार व्यय लेखे में जोड़े जायेंगे।

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30 दिन के अंदर देना पड़ेगा हिसाब

आपको बतादें कि प्रत्याशियों को चुनाव का रिजल्ट आने के 30 दिन के अंदर चुनाव में किये गए खर्च का हिसाब किताब देना होता है। जिसकी निगरानी निवार्चन आयोग द्वारा भी की जाती है। ऐसे में अगर कोई गलत जानकरी देता है। तो उस पर भी कार्रवाई होती ह। इस बार चुनाव प्रचार के लिए 95 लाख रुपए की राशि तय की गई है। अगर कोई इससे ज्यादा खर्च करता है। तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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