सार

सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह एक बार फिर घेरे में हैं। दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया में फर्जी पोस्ट की है। एक सप्ताह में दूसरी बार वह झूठे साबित हुए। इस बार उन्होंने एक नेशनल चैनल के ओपिनियन पोल को पोस्ट किया।

भोपाल. सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह एक बार फिर घेरे में हैं। दिग्विजय ने सोशल मीडिया में फर्जी पोस्ट की है। एक सप्ताह में दूसरी बार दिग्विजय झूठे साबित हुए। इस बार उन्होंने एक नेशनल चैनल के ओपिनियन पोल को पोस्ट किया। इसमें मध्यप्रदेश में कांग्रेस की 150 से ज्यादा सीटें बताई गई हैं। दिग्विजय की पोस्ट में चैनल के लोगों और आईडी का इस्तेमाल करके फर्जी पोस्ट तैयार की गई है। 

दिग्विजय के इस पोस्ट पर खुद चैनल ने आपत्ति ली और इसे हटाने को कहा। चैनल ने कहा कि उनके एक पुराने पोल की स्क्रीन के साथ छेड़छाड़ कर इसे पोस्ट किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ झूठ के ही सहारे हैं ,उसका कोई वजूद नहीं है। ऐसे झूठ के कारण ही उन्हें जनता का आक्रोश झेलना पड़ता है।

 

 

एबीपी न्यूज़ के नाम से पोस्ट इस ओपिनियन पोल को दिग्विजय के साथ कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी पोस्ट किया था। चारो तरफ से घिरने के बाद दिग्विजय और मिश्रा ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। एबीपी न्यूज़ के वाईस प्रेजिडेंट संत प्रसाद रॉय ने भी ट्वीट करके दर्शकों से अपील की है कि ये फर्जी वीडियो है इस पर ध्यान न दें। इसे प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी करवाई होनी चाहिए।

इसके पहले पिछले सप्ताह दिग्विजन सिंह ने कुण्डलपुर के जैन मंदिर को लेकर भी एक झूठी पोस्ट डाली थी। जिसमे उनपर एफआईआर भी हुई। भाजपा संगठन इस मामले में एफआईआर कराने का मन बना रहा है। वही राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बौखलाहट में बड़े नेता अक्सर ऐसी चूक करते हैं। ये कांग्रेस के भीतर हार के डर को भी दर्शाता है। कर्णाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मध्यप्रदेश में जीत को तय मान रही कांग्रेस के लिए जीत आसान नहीं है, ऐसे में वो झूठ के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है।

संवाददाता की आपत्ति

इस फर्जी ओपीनियन पोल को कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ट्वीट किया तो एबीपी संवाददाता बृजेश राजपूत ने लिखा कि- ‘ऐसा कोई ओपीनियन पोल नहीं किया गया है। यह गलत है इसे तत्काल हटा लें।’ संवाददाता की आपत्ति के बाद केके मिश्रा और दिग्विजय सिंह ने इसे सोशल मीडिया से हटा दिया। लेकिन तब तक दिग्विजय सिंह के फेसबुक पर इसे 40 हजार से अधिक लोग देख चुके थे।

एक महीने पुराने सर्वे के साथ छेड़छाड़

लगभग एक महीने पहले एबीपी न्यूज ने मप्र के ओपिनियन पोल के नतीजे जारी किए थे जिसमें कांग्रेस व भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला बताया गया था। एक महीने पहले के एबीपी न्यूज के वीडियो से छेड़छाड़ करके एबीपी के लोगो (आईडी) के साथ ही फर्जी वीडियो बनाया गया है। इसमें मप्र के सभी क्षेत्रों में कांग्रेस को भारी बहुमत से आगे बताया गया है। मप्र की 230 सीटों में से कांग्रेस को 150 से 158 सीटें और भाजपा को 66 से 75 सीटें मिलने की बात की गई है। अन्य को 1 से 6 सीटें मिलने का दावा किया गया है। फर्जी ओपीनियन पोल में कांग्रेस को 44 फीसदी वोट, भाजपा को 39 फीसदी और अन्य 17 फीसदी वोट मिलने का अनुमान बताया गया है।

ये कांग्रेस की बौखलाहट और नेतृत्व की लड़ाई

दिग्विजय के लगातार ऐसे झूठे पोस्ट पर राजनीतिक खबरों पर बारीकी से नजर रखने वाले नितिन शर्मा का कहना है कि कांग्रेस में नेतृत्व का एक अलग ही झगड़ा चल रहा है। ऐसे में दिग्विजय लगातार सोशल मीडिया पर सबसे पहले की तर्ज पर सक्रिय दिखना चाहते हैं। इस फेर में वे अक्सर गड़बड़ पोस्ट करते रहते हैं। दूसरा प्रदेश में लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की आवाजाही चुनावी, रणनीति और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के जनता के बीच लोकप्रिय होने के बाद कांग्रेस अब बौखलाहट में है। वो जिस मध्यप्रदेश को जीता हुआ मानकर चल रही थी वो अब उसके हाथ में आता नहीं दिख रहा ऐसे में अक्सर नेता इस तरह के फर्जी गेम का सहारा लेते हैं।

तीन साल तक की हो सकती है सजा

आई टी एक्ट 2000 इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से किये जाने वाले अपराधों को रोकने एवं उस से जुड़े अपराधों की सज़ा देने के लिए बनाया गया था। सोशल मीडिया से सम्बंधित अपराध भी आई टी एक्ट के अंतर्गत ही आते हैं। आई टी एक्ट की धारा 67 के अंतर्गत सोशल मीडिया पर या कहीं अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूप में किसी ग़लत कमेंट, अश्लील सामग्री आदि पब्लिश करने पर दंड का प्रावधान है। जुर्माने के साथ साथ 3 सालों तक सज़ा जो बढ़ाया भी जा सकता है।