Mahu Bhatkhedi Blast: सेना की फायरिंग रेंज में बकरी चराते समय 33 वर्षीय शरीफ खान की बम धमाके में मौत हो गई। गंभीर चोटों से घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। पुलिस जांच में जुटी है कि विस्फोटक वहां कैसे पहुंचा।
Army Range Incident in MP: मध्यप्रदेश के महू क्षेत्र में रविवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। महू तहसील के किशनगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत भाटखेड़ी गांव के पास स्थित सेना की फायरिंग रेंज में बम धमाके से 33 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान शरीफ खान निवासी डोंगरगांव, महू के रूप में हुई है।
धमाके की दहशत: हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार, रविवार शाम शरीफ खान अपने घर से बकरियां चराने के लिए फायरिंग रेंज के जंगल की ओर गया था। तभी वहां अचानक जोरदार धमाका हुआ। यह धमाका इतना शक्तिशाली था कि शरीफ खान गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोग और परिजन तुरंत उसे मध्यभारत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शरीर पर गंभीर घाव!
सूत्रों के मुताबिक, मृतक के शरीर पर कई गंभीर चोटें और घाव पाए गए, जो स्पष्ट रूप से किसी शक्तिशाली विस्फोटक के फटने से हुए थे। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।
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बम वहां कैसे पहुंचा?
पुलिस जांच में जुटी किशनगंज पुलिस को इस घटना की सूचना अस्पताल से मिली। पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल यह जांच की जा रही है कि सेना की फायरिंग रेंज में विस्फोटक वहां कैसे मौजूद था और किन परिस्थितियों में यह हादसा हुआ।
क्या पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे?
स्थानीय लोगों का कहना है कि फायरिंग रेंज में समय-समय पर अभ्यास के दौरान गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जाता है। सवाल यह है कि क्या यह अनएक्सप्लोडेड ऑर्डिनेंस (UXO) था जो समय रहते नष्ट नहीं किया गया? पहले भी देश के कई हिस्सों में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें ग्रामीण या चरवाहे पुराने गोले-बारूद की चपेट में आए हैं।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने सेना की फायरिंग रेंज की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डोंगरगांव और भाटखेड़ी गांव के लोग इस हादसे से आक्रोशित हैं। मृतक के परिजनों का कहना है कि अगर सुरक्षा इंतजाम पुख्ता होते, तो यह दर्दनाक घटना टल सकती थी। गांव में मातम का माहौल है और लोग इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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