Har Ghar Tiranga: आज से MP BJP का हर घर तिरंगा मिशन शुरू, 11-13 अगस्त तिरंगा यात्रा, 14 अगस्त विभाजन विभीषिका स्मरण, 1.5 करोड़ घरों में तिरंगा, युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि और 25,000 जगह नारी शक्ति संगम। कहां से होगी शुरुआत और क्या है खास सरप्राइज?
MP BJP Har Ghar Tiranga 2025: मध्यप्रदेश में आज से शुरू होने वाला "हर घर तिरंगा" अभियान और 14 अगस्त को मनाया जाने वाला "विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस" इस साल स्वतंत्रता दिवस को और भी ऐतिहासिक बनाने जा रहा है। MP BJP ने दावा किया है कि इस बार 1.5 करोड़ घरों में तिरंगा फहराया जाएगा, युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि दी जाएगी, और 25,000 जगह नारी सशक्तिकरण के कार्यक्रम आयोजित होंगे। लेकिन क्या आपने सोचा है-इस आयोजन की शुरुआत कहां से होगी और इसमें कौन-कौन से सरप्राइज छिपे हैं? आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
11-13 अगस्त को तिरंगा यात्रा-कहां-कहां गूंजेगा राष्ट्रगान?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने घोषणा की है कि 11 से 13 अगस्त तक तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान क्रांतिकारियों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण होगा और 64,523 बूथों से हर घर में तिरंगा पहुंचाने का मिशन चलेगा। पार्टी खुद 50 लाख तिरंगे उपलब्ध कराएगी, ताकि किसी घर में राष्ट्रध्वज की कमी न रहे।
14 अगस्त-विभाजन विभीषिका दिवस पर कौन से रहस्य होंगे उजागर?
Vibhajan Vibhishika Smaran Diwas के दिन युवाओं को 1947 के विभाजन की त्रासदी याद दिलाने के लिए जिला स्तर पर प्रदर्शनी और गोष्ठियां होंगी। "सेल्फी विद तिरंगा" सोशल मीडिया कैंपेन भी लॉन्च होगा। 14 अगस्त की ऐतिहासिक यादें ताज़ा होंगी प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शनी, गोष्ठी और युवा जागरूकता कार्यक्रम होंगे, जिनमें 1947 के विभाजन की दर्दनाक घटनाओं को पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचाने का प्रयास होगा।
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नारी सशक्तिकरण के 25,000 कार्यक्रम-क्या होगा खास?
10 अगस्त को लाडली बहना योजना और रक्षाबंधन के मौके पर 25,000 जगहों पर एक साथ कार्यक्रम होंगे। यहां महिलाओं को ₹1250 के साथ अतिरिक्त ₹250 का "शगुन" ट्रांसफर होगा। क्या यह आयोजन सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित रहेगा या इसमें सामाजिक बदलाव का संदेश भी छिपा है?
सरकार और समाज-कैसे मिलकर करेंगे आजादी का उत्सव?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान सिर्फ पार्टीगत कार्यक्रम नहीं बल्कि राष्ट्रीय भावना का उत्सव है। पंचायतों, नगर निगमों, स्कूलों और कॉलेजों को इसमें जोड़ा जाएगा ताकि हर वार्ड और गांव में तिरंगा लहराए।
महाकाल और ओंकारेश्वर की सवारी में क्या नया होगा?
सावन माह की महाकाल सवारी में इस बार आदिवासी अंचल के पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ विभिन्न जिलों के लोग शामिल होंगे। उज्जैन, ओंकारेश्वर और पशुपतिनाथ की सवारी में सामाजिक एकता का अनूठा नजारा देखने को मिल सकता है।
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